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11 अगस्त 2010

मुंबई बंदरगाह बंद होने से बाधित होगी खाद्य तेल आपूर्ति

मुंबई August 10, 2010
विदेशी बाजारों में पाम ऑयल की कीमतों में तेज गिरावट के बावजूद स्थानीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतें स्थिर बनी रहीं। कारोबारियों ने इस उम्मीद में माल रोक लिया है कि अगर मुंबई बंदरगाह पर काम शुरू होने में देरी होगी तो कीमतों में तेजी आएगी। इससे महाराष्ट्र और पश्चिम भारत के राज्यों में खाद्य तेल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। मंगलवार को पाम ऑयल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ और कीमतें 470 रुपये प्रति 10 किलो पर अपरिवर्तित रहीं। वहीं मुनाफावसूली के चले रिफाइंड सोया ऑयल की कीमतों में 5 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई और कारोबार 495 रुपये प्रति 10 किलो पर बंद हुआ।बर्सा मलेशिया में पाम ऑयल की बेंचमार्क दरों में एक माह की सबसे तेज गिरावट देखी गई। मलेशिया, इंडोनेशिया के बाद सबसे बड़ा पाम ऑयल का उत्पादक देश है। मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में अक्टूबर डिलिवरी का वायदा 2 प्रतिशत से ज्यादा गिरकर 2,675 रिंगेट (849 डॉलर) प्रति टन पर बंद हुआ।पिछले 4 दिनों से कीमतों में तेजी आ रही थी और सोमवार को 13 मई 2009 के उच्चतम स्तर पर कीमतें पहुंच गई थीं। नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में रिफाइंड सोया ऑयल की कीमतें 0.77 प्रतिशत गिरकर 510.05 रुपये प्रति 10 किलो पर बंद हुईं।भारत की प्रमुख खाद्य तेल प्रसंस्करण कंपनी लिबर्टी ऑयल मिल के अनुमान के मुताबिक बंदरगाहों से आवागमन ठप होने की वजह से आपूर्ति पर बुरा असर पड़ेगा। उसके मुताबिक, 'मुंबई पोर्ट बंद होने से सभी खाद्य तेल प्रसंस्करण कंपनियों पर असर पड़ेगा, जो तीन बड़े राज्यों- महाराष्ट्र, गुजरात के एक बड़े हिस्से और मध्य प्रदेश में खाद्य तेल की आपूर्ति करती हैं।'भारी उत्पाद होने की वजह से खाद्य तेलों का अन्य किसी तटीय इलाके से ट्रकों द्वारा आपूर्ति तत्काल कर पाना व्यावहारिक नहीं होगा। हालांकि आपूर्ति प्रभावित होने का अभी ज्यादा असर नहीं है। देश के सबसे बड़े खाद्य तेल उत्पादक रुचि सोया के एक अधिकारी ने कहा कि भंडारण के खाद्य तेल से अभी मांग पूरी की जा सकती है। अधिकारी ने कहा कि बंदरगाह पर काम शुरू होने में देरी होने पर त्योहारी मांग तेल होने की वजह से आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। इस समय भारत में कुल तेल खपत का 45 प्रतिशत हिस्सा आयात से पूरा होता है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा मुंबई बंदरगाह से कुल आयात का सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सा आता है। साथ ही बंदरगाह के बंद होने की अवधि बहुत कम है, जिससे न तो आपूर्ति पर ज्यादा असर पड़ेगा और न ही कीमतों पर। (BS Hindi)

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