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10 अगस्त 2010

कॉटन के मूल्य में तेजी का नया दौर

घरेलू मिलों के साथ ही निर्यातकों की खरीद से कॉटन की कीमतों में तेजी बनी हुई है। घरेलू बाजार में कॉटन के दाम पिछले लगभग दो महीने में 5.4 फीसदी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7.4 फीसदी बढ़ चुके हैं। पाकिस्तान और चीन में बाढ़ आने से कॉटन की फसल को नुकसान होने की आशंका से भी घरेलू बाजार में तेजी को बल मिल रहा है। हालांकि चालू सीजन में कॉटन की बुवाई 9.2 फीसदी बढ़ी है लेकिन नई फसल आने में अभी करीब दो महीने का समय शेष है। नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि घरेलू मिलों की खरीद से कीमतों में तेजी आई है। पाकिस्तान और चीन में बाढ़ आने से कॉटन की फसल को नुकसान होने की आशंका है इसलिए निर्यात के अगाऊ सौदों में भी तेजी आई है। निर्यातकों ने पहले के जौ निर्यात सौदे कर रखे हैं, उनकी शिपमेंट भी हो रही है इसीलिए निर्यातकों की खरीद पहले की तुलना में बढ़ी हुई है। अहमदाबाद में शंकर 6-किस्म की कॉटन का भाव बढ़कर सोमवार को 30,900 से 31,000 रुपये प्रति कैंडी (प्रति कैंडी 356 किलो) हो गया। जबकि 15 जुलाई को इसका भाव 29,200-29,400 रुपये प्रति कैंडी था। दैनिक आवक घटकर 500 गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) रह गई। सरकार ने अभी तो कॉटन के निर्यात पर रोक लगा रखी है लेकिन पहले के जो निर्यात सौदे हुए थे और उनकी शिपमेंट नहीं हो पाई थी। उन्हीं सौदों की शिपमेंट हो रही है। टैक्सटाइल कमिश्नर के सूत्रों के अनुसार अक्टूबर-09 से अप्रैल-10 के दौरान भारत से निर्यात के लिए 85.17 लाख गांठ के सौदे पंजीकृत हुए थे। जबकि इसमें से 31 जुलाई तक केवल 73.82 लाख गांठ कपास की शिपमेंट ही हुई है। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कॉटन की कीमतों में तेजी बनी हुई है। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में अक्टूबर वायदा अनुबंध की कीमतों में पिछले लगभग दो महीने में 7.4 फीसदी की तेजी आकर भाव 84.40 सेंट प्रति पाउंड हो गया।कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में कॉटन की बुवाई बढ़कर 103.36 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 94.59 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी 5.7 और 5.92 लाख हैक्टेयर की हुई है जबकि गुजरात और राजस्थान में बुवाई में क्रमश: 1.17 और 2.03 लाख हैक्टेयर की कमी आई है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष धीरेन सेठ ने बताया कि निर्यातकों को उम्मीद है कि सरकार नए सीजन में निर्यात पर रोक हटा लेगी इसीलिए निर्यातक अगाऊ सौदे कर रहे हैं।बात पते कीनिर्यातकों को उम्मीद है कि सरकार नए सीजन में निर्यात पर रोक हटा लेगी इसीलिए निर्यातक अग्रिम सौदे कर रहे हैं। कॉटन के मूल्य में तेजी आने का आधार इसी से बना है। (Business Bhaskar...aar as raana)

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