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08 सितंबर 2010

अगस्त में खली निर्यात बढ़ा

जापान और चीन की आयात मांग बढऩे से अगस्त महीने में भारत से खली के निर्यात में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान देश से खली का निर्यात बढ़कर 244,075 टन का हो गया जबकि पिछले साल अगस्त महीने में 214,807 टन खली का निर्यात हुआ था। आगामी महीनों में इसके निर्यात में और भी बढ़ोतरी की संभावना है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी वी मेहता ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान जापान की मांग में 133 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान जापान ने 265,264 टन खली का आयात किया। चीन की मंाग में भी इस दौरान 12.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। चीन ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 176,261 टन खली का आयात किया। हालांकि इस दौरान वितयतनाम और दक्षिण कोरिया की मांग क्रमश: 46 और 2.8 फीसदी कम रही। एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में निर्यात में दो फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अप्रैल से अगस्त के दौरान 1,021,957 टन खली का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,002,664 टन का हुआ था। अभी तक हुए कुल निर्यात में सोयाखली की हिस्सेदारी 562,009 टन, सरसों खली की 344,964 टन, मूंगफली खली की 13,770 टन, राइसब्रान खली की 41,450 टन और केस्टर खली की 59,764 टन की है। सोया खली का भाव इस समय भारतीय बंदरगाह पर 373 डॉलर प्रति टन चल रहा है जबकि चालू वर्ष के जनवरी महीने में इसका भाव 413 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से सरसों खली का भाव छह सितंबर को भारतीय बंद्रगाह पर 224 डॉलर प्रति टन बोला गया जबकि इसका भाव भी जनवरी में 260 डॉलर प्रति टन था। जनवरी के मुकाबले राइसब्रान खली की कीमतों में हल्की तेजी आई है। जनवरी में राइसब्रान खली का भाव भारतीय बंदरगाह पर 174 डॉलर प्रति टन था जोकि छह सितंबर को बढ़कर 185 डॉलर प्रति टन हो गया। (Business Bhaskar)

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