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02 नवंबर 2010

'75 फीसदी आबादी को गारंटी से मिले अनाज'

नई दिल्ली सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने सरकार से देश की करीब 75 फीसदी आबादी को कानूनन खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की सिफारिश की है। परिषद ने शनिवार को सरकार से कहा कि वह संशोधित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अगले वित्त वर्ष से देश की करीब 80 करोड़ आबादी को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे। गौरतलब है कि सरकार खाद्य सुरक्षा पर विधेयक भी लाने जा रही है। सरकार से कहा गया है कि वह बीपीएल श्रेणी की बजाय दो कैटिगरी बनाए। एक को वह प्राथमिकता के आधार पर अनाज उपलब्ध कराए और दूसरी को आम श्रेणी में रखे। परिषद ने सिफारिश की है कि सरकार प्राथमिकता श्रेणी के लोगों को 35 किलो अनाज रियायती दरों पर दे। इसके लिए बाजरे का रेट 1 रुपये प्रति किलो, गेहंू का 2 रुपये किलो और चावल का रेट 3 रुपया प्रति किलो रखा जाए। आम श्रेणी के लोगों को 20 किलो तक अनाज देने की सिफारिश की गई है। इसकी दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से 50 फीसदी से अधिक न रखने को कहा गया है। परिषद के फैसले की जानकारी देते हुए एक सदस्य नरेंद जाधव ने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून के पहले चरण पर नए वित्त वर्ष से अमल करने की सिफारिश की गई है। 2014 तक पूरे देश को इस योजना के तहत लाया जाना है। उन्होंने बताया कि पहले चरण पर अमल के लिए सरकार को 15,137 करोड़ रुपये का खर्च वहन करना होगा। पूरी योजना पर अमल के लिए सरकार को करीब 56,700 करोड़ की सब्सिडी हर साल देनी होगी। उन्होंने बताया कि परिषद ने बीपीएल योजना की भी नए सिरे से समीक्षा करने की सिफारिश की है। परिषद की सिफारिशों पर केंदीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार करने के बाद इन्हें खाद्य सुरक्षा विधेयक में शामिल कर लिए जाने के संकेत हैं। परिषद ने बाल एवं मातृत्व पोषण समेत कई मसलों पर सरकार से सिफारिश की है। इस मुद्दे को भी विधेयक में शामिल किए जाने के आसार हैं। (ET Hindi)

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