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02 नवंबर 2010

खाद्य तेल होंगे और महंगे

विदेशी तेजी और त्यौहारी मांग बढऩे से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। पिछले एक महीने में आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में करीब 12 फीसदी की तेजी आ चुकी है। घरेलू बाजार में भी इस दौरान खाद्य तेलों के दाम तीन से पांच रुपये प्रति किलो तक बढ़ चुके हैं। त्यौहारी मांग लगभग पूरी हो चुकी है लेकिन मध्य नवंबर में ब्याह-शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। इसीलिए अगले सप्ताह से खाद्य तेलों की मांग फिर से बढ़ जाएगी, जिससे मौजूदा कीमतों में और भी दो-तीन रुपये प्रति किलो की तेजी आने की संभावना है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार आयातित आरबीडी पामोलीन और क्रूड पाम तेल के दाम पिछले एक महीने में 12.3 फीसदी बढ़ चुके हैं। पहली अक्टूबर को मुंबई में क्रूड पाम तेल का भाव 912 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) था जो सोमवार को बढ़कर 1,025 डॉलर प्रति टन हो गया। इसी तरह से आरबीडी पामोलीन का भाव इस दौरान 952 डॉलर से बढ़कर 1,070 डॉलर प्रति टन हो गया। दिल्ली वेजिटेबिल ऑयल एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि त्यौहारी सीजन के कारण घरेलू मांग अच्छी बनी हुई थी। साथ ही आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में भी तेजी आई है। इसीलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम बढ़े हैं। त्यौहारी मांग अब पूरी हो चुकी है लेकिन मध्य नवंबर से ब्याह-शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। इसीलिए दीपावली के बाद खाद्य तेलों की मांग फिर से बढ़ जाएगी जिससे मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने की संभावना है। खाद्य तेलों के थोक व्यापारी अशोक गुप्ता ने बताया कि पिछले एक महीने में खाद्य तेलों की कीमतों में तीन से पांच रुपये प्रति किलो की तेजी आ चुकी है। रिफाइंड सोया तेल का भाव बढ़कर सोमवार को दिल्ली में 540 रुपये, सरसों तेल का भाव बढ़कर 545 रुपये, रिफाइंड बिनौला तेल का भाव 530 रुपये, क्रूड पाम तेल का भाव 485 रुपये और आरबीडी पामोलीन का भाव 520 रुपये प्रति 10 किलो हो गया। उन्होंने बताया कि अगले तीन-चार दिन दीपावली की छुट्टियों के कारण मांग कमजोर रह सकती है। लेकिन अगले सप्ताह फिर से मांग बढ़ जाएगी। साई सिमरन फूड लिमिटेड के डायरेक्टर नरेश गोयनका ने बताया कि चालू खरीफ में तिलहनों का उत्पादन तो बढऩे की संभावना है लेकिन विदेशी में तेजी आने से आयातित खाद्य तेल महंगे हुए हैं। महाराष्ट्र की मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक बढ़कर साढ़े तीन से चार लाख बोरी की हो रही है। जबकि चालू खरीफ में महाराष्ट्र में सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर 27-28 लाख टन और पूरे देश में 100 लाख टन से ज्यादा का होने की संभावना है। लेकिन घरेलू मांग और आयात पड़ते तेज होने से मौजूदा कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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