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24 नवंबर 2010

भू-राजनैतिक अस्थिरता से जिंसों में उतारचढ़ाव

मुंबई November 23, 2010
ताजा भू-राजनैतिक अस्थिरता के बाद कारोबारियों और सटोरियों द्वारा जोखिम से बचाव की कोशिश जारी रही और इस वजह से घरेलू बाजार मेंं जिसों की कीमतों में उतारचढ़ाव बना रहा। उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया के एक द्वीप पर हमले केबाद भू-राजनैतिक स्थिति पर असर दिखा। इस गतिरोध से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई और इसके परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर जिंसों की कीमतों में उतारचढ़ाव देखा गया।दक्षिण कोरिया द्वारा जवाबी कार्रवाई के डर के बीच मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कीमतों के मामले में वैश्विक बाजार से जुड़ाव रखने वाले विभिन्न जिंसों (कीमती धातु, बेस मेटल और ऊर्जा) का शुरुआती कारोबार नरम रहा और इन जिंसों में दो फीसदी की गिरावट आई। हालांकि बाद में इसमें सुधार देखा गया। वैश्विक बाजार में भी इन जिंसों की कीमतों में गिरावट आई। डॉलर में मजबूती के चलते लंदन में तांबा 1.5 फीसदी गिरा जबकि शंघाई में 3 फीसदी। इस वजह से लंदन मेटल एक्सचेंज में तांबा 1.4 फीसदी टूटकर 8165 डॉलर प्रति टन पर आ गया। एलएमई में जस्ते में 1.7 फीसदी की गिरावट आई और यह 2101 डॉलर प्रति टन पर आ गया। उधर शंघाई में भी जस्ते की कीमतों में गिरावट आई।शुरुआती कारोबार में सोने में 0.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी, पर बाद में इसमें सुधार आया। हाजिर बाजार में सोना 1362 डॉलर प्रति आउंस पर रहा जबकि कारोबार के दौरान यह 1370 डॉलर प्रति आउंस केस्तर पर पहुंचा था। 83.49 डॉलर प्रति बैरल को छूने के बाद कच्चा तेल गिरकर 82.87 डॉलर प्रति बैरल पर आ पहुंचा।कमोडिटी ब्रोकिंग फर्म कॉमट्रेड के निदेशक जी. त्यागराजन ने कहा - भारतीय बाजार में जिंसों की कीमतों में हुए उतारचढ़ाव के लिए उत्तर व दक्षिण कोरिया के बीच जारी गतिरोध को पूरी तरह जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि यहां उतारचढ़ाव प्रत्याशित सीमा में रहा। कीमती धातुओं, बेस मेटल और ऊर्जा जैसे जिंसों में 1-2 फीसदी का उतारचढ़ाव सामान्य बात हो गई है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के द्वीप पर दर्जनों गोले दागे और इस घटना में दो सैनिक मारे गए जबकि दर्जनों घरों में आग लग गई। उत्तर कोरिया का यह हमला 1953 में हुई कोरियाई युद्ध की समाप्ति के बाद अब तक का सबसे बड़ा हमला है।इस बीच, मलयेशिया में पाम तेल वायदा तीन हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया। बुरसा मलयेशिया डेरिवेटिव पर फरवरी का कच्च्चा पाम तेल वायदा 2.2 फीसदी टूट कर 3115 रिंगिट प्रति टन (1005 डॉलर) पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान यह 3103 रिंगिट तक नीचे आया था।यूरो जोन के कर्ज संकट के चलते जिंस बाजार पहले से ही दबाव में था, पर उत्तर-दक्षिण कोरिया के हमले ने डॉलर की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी और 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी फ्यूचर में इजाफा हुआ।यूरो के मुकाबले अमेरिकी मुद्रा में 0.5 फीसदी की तेजी आई और 1.3542 डॉलर पर इसका कारोबार हुआ। त्यागराजन ने कहा - चूंकि घरेलू बाजार की कीमतें का वैश्विक बाजार से जुड़ाव है, ऐसे में विदेशी बाजार में जिंसों की कीमतों में होने वाला उतारचढ़ाव उसी अनुपात में घरेलू बाजार को प्रभावित करता है। कीमतों में होने वाला परिवर्तन मोटे तौर पर डॉलर पर भी निर्भर करता है क्योंकि ये आयात उन्मुख जिंस हैं। त्यागराजन का कहना है कि ग्लोबल हेज फंड की तरफ से सोने-चांदी में मुनाफावसूली करने की संभावना है और इससे कीमती धातुओं में गिरावट आ सकती है। सामान्य तौर पर ग्लोबल हेज फंड दिसंबर महीने में अपना सौदा बेचते हैं और क्रिसमस की छुट्टी पर चले जाते हैं। कोटक कमोडिटीज के विश्लेषक धर्मेश भाटिया के मुताबिक, आयरलैंड की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए दिए जाने वाले पैकेज से कीमती धातुओं की कीमतें बढ़ेंगी। (BS Hindi)

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