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03 दिसंबर 2010

कोल्ड स्टोर में भी अच्छा है कमाई का मौका

बात पते की - फूड रिटेल चेन कंपनियों का धंधा लगातार बढ़ रहा है। विदेशी कंपनियां भी इस ओर कदम बढ़ा रही हैं। ऐसे में अगर आपके पास निवेश योग्य रकम है तो कोल्ड स्टोरेज का धंधा अच्छा मुनाफा दे सकता है।कोल्ड स्टोर आपके लिए बिजनेस का एक अच्छा जरिया बन सकता है। आम तौर पर ये स्टोर पांच हजार टन क्षमता के होते हैं और इन्हें बनाने में लगभग तीन करोड़ रुपये का खर्च आता है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) इस पर 40 फीसदी (लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपये) की सब्सिडी देता है। अगर आप शहरी क्षेत्र में स्टोर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए राज्य के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। जहां तक इससे होने वाली आमदनी की बात है तो इस समय आलू और प्याज का औसतन किराया एक से डेढ़ रुपये प्रति किलो प्रति महीना है, फल-सब्जियों का किराया डेढ़ से दो रुपये प्रति किलो प्रति माह है। एनएचबी के प्रबंध निदेशक विजय कुमार ने बताया कि पांच हजार टन की क्षमता के कोल्ड स्टोर के निर्माण पर लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत आती है। एनएचबी इसमें 40 फीसदी की सब्सिडी देता है। स्टोर बनवाने के लिए आपको पहले इसका प्रोजेक्ट बनवाना होगा। उसके बाद बैंक से लोन (अगर आपको जरूरत है) पास करवाना पड़ेगा। सप्लायर से कूलिंग प्लांट और निर्माण की लागत भी तय करवानी पड़ेगी। बैंक से लोन पास होने के बाद एनएचबी में सब्सिडी के लिए आवेदन करना पड़ता है। भवन का निर्माण कार्य पूरा होने पर एनएचबी 50 फीसदी सब्सिडी जारी कर देता है। बाकी 50 फीसदी सब्सिडी की रकम कोल्ड स्टोर तैयार होने के बाद दी जाती है। वाल्को इंजीनियरिंग लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरमीत सिंह ने बताया कि पांच हजार टन की क्षमता वाले कोल्ड स्टोर के लिए कूलिंग प्लांट पर 50 से 60 लाख रुपये का खर्च आता है। कैरियर, वाल्को इंजीनियरिंग, मेट्रो रेफ्रिजरेशन, ब्राइट स्टार एयरकॉन कंपनियां कूलिंग प्लांट तैयार करती हैं। जेबीएम इंजीनियरिंग प्रा. लि. के एमडी जेएम गुप्ता ने बताया कि कोल्ड स्टोर में उच्च गुणवत्ता की मशीनरी का उपयोग करना चाहिए। इसके रख-रखाव पर हर महीने तीन से साढ़े तीन लाख रुपये के हिसाब से साल में लगभग 36 से 40 लाख रुपये का खर्च आता है। ग्लोबल एग्री सिस्टम के मैनेजर ओमप्रकाश जायसवाल ने बताया कि कोल्ड स्टोर निर्माता आलू और प्याज का किराया एक से सवा रुपये प्रति किलो प्रति महीना और फल एवं सब्जियों के लिए डेढ़ से दो रुपये प्रति किलो तक ले रहे हैं। आगरा कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में कोल्ड स्टोर का निर्माण करने के लिए राज्य के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है। अगर स्टोर सड़क के किराने है तो पीडब्ल्यूडी से और अगर रेलवे लाईन के पास है तो रेल विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। देवभूमि कोल्ड चेन प्रा.लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजय अग्रवाल ने बताया कि पांच हजार टन की क्षमता के कोल्ड स्टोर के लिए करीब 5,400 गज जमीन की आवश्यकता होती है। इसमें तीन चैम्बर बनाने होते हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से कोल्ड स्टोर बनाने के लिए अनुमति तो नहीं लेनी पड़ती लेकिन कूलिंग सिस्टम और भवन निर्माण बीआईएस के नियम-कायदे पर बनाए जाते हैं।-कितना आएगा खर्चस्टोर बनवाने पर कुल खर्च लगभग तीन करोड़ रुपयेकूलिंग प्लांट 50 से 60 लाख रुपये में आएगारखरखाव पर हर महीने तीन-साढ़े तीन लाख का खर्च-कोल्ड स्टोर : कदम-दर-कदम(क्षमता - 5000 टन)करीब 5,400 गज जमीन की होगी जरूरतसबसे पहले इसका प्रोजेक्ट बनवाइएउसके बाद बैंक से लोन पास करवना होगासप्लायर से कूलिंग प्लांट की लागत तय करवानी होगीलोन पास होने पर एनएचबी में सब्सिडी के लिए आवेदनएनएचबी कुल लागत का 40 फीसदी बतौर सब्सिडी देगाभवन बन जाने पर 50 फीसदी सब्सिडी जारी होगीबाकी 50 फीसदी सब्सिडी स्टोर बनने के बाद मिलेगी (Business Bhaskar......R S Rana)

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