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08 दिसंबर 2010

खाद्यान्न में भारत दुनिया से बेहतर

गेहूं उत्पादन लक्ष्य से ज्यादा रहना संभवभारत में खाद्यान्न की स्थिति दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले कहीं बेहतर है। मौजूदा रबी सीजन में भी गेहूं का उत्पादन लक्ष्य से ज्यादा रहने की संभावना है। देश में 820 लाख टन थोड़ा ज्यादा गेहूं उत्पादन हो सकते हैं। लेकिन भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने कहा है कि फिलहाल निर्यात के लिए देश के पास पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध नहीं है क्योंकि हमारी खपत लगातार बढ़ रही है। उधर एफसीआई ने खुले बाजार बिक्री योजना के तहत 4,050 टन गेहूं की बिक्री की है।गेहूं अनुसंधान निदेशालय के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस. एस. सिंह का अनुमान है कि देश में इस साल ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छा मानसून रहने के कारण गेहूं उत्पादन अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछले नवंबर में शुरू हुई गेहूं की बुवाई के एरिया में कमी आने की कोई सूचना नहीं है। इस वजह से उत्पादन 820 लाख टन के ऊपर पहुंच सकता है। पिछले वर्ष 2009-10 के दौरान देश में 807.1 लाख टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन रहा था। इस साल सरकार ने 820 लाख टन तक उत्पादन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि वर्षा पर निर्भर उत्तर प्रदेश और बिहार में सितंबर के दौरान अच्छी बारिश हुई। सर्दियां शुरू होने और इसके बीच में बारिश होने से भी गेहूं की फसल को लाभ मिलेगा। हालांकि उन्होंने मौसम संबंधी प्रभावों से निपटने के लिए उत्पादन बढ़ाने की दीर्घकालिक बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया है। एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सिराज हुसैन ने बताया कि देश में घरेलू आपूर्ति के लिए पर्याप्त भंडार है। लेकिन इतना भंडार नहीं है कि निर्यात किया जा सके। एफसीआई के अनुसार वर्ष २०२० तक घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन को बढ़ाना होगा। सरकार ने फरवरी २००७ में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसी तरह अप्रैल २००८ में गैर बासमती चावल के निर्यात को भी रोक दिया गया था।सरकार ने यह रोक मंहगाई को नियंत्रित करने के लिए लगाई थी। उन्होंने कहा कि देश में लंबी अवधि में मांग को पूरा करने के लिए खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है, ताकि देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। हुसैन ने यह भी कहा कि जिस हिसाब से राशन की दुकानों से मांग आएगी। उसी हिसाब से गेहूं और चावल की खरीद मात्रा बढ़ाई जाएगी। उधर एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत बाजार में ४,०५० टन गेहूं की बिक्री की है। इस गेहूं की कीमत ५.०७ करोड़ रुपये बताई गई है। इस गेहूं को नेशनल स्पॉट एक्सचेंज के माध्यम से बेचा गया है। निगम द्वारा जारी सूचना के अनुसार पिछले एक महीने के दौरान निगम ने १२,८१० टन गेहूं की बिक्री की है। जिसकी कीमत १६.०६ करोड़ रुपये बताई गई है। यह सारी बिक्री नेशनल स्पॉट एक्सचेंज के माध्यम से की गई है। इस बिक्री प्रक्रिया में लगभग २४ फ्लोर मिलों ने भाग लिया। इन मिलों ने सरकार द्वारा निर्धारित आटा के मूल्य १,२५४.०८ रुपये प्रति क्विंटल की दर पर आटा बेचने की बात कही है। (Dainik Bhaskar)

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