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17 जनवरी 2011

आंध्र प्रदेश में रबी फसल की बढ़ेगी पैदावार

हैदराबाद January 14, 2011
इस रबी सीजन में आंध्र प्रदेश में करीब 4 लाख हेक्टेयर जमीन में धान की बुआई होगी। सामान्यत: रबी की सभी फसलों की बुआई कुल 39.2 लाख हेक्टेयर जमीन में होती है, लेकिन अकेले धान की फसल 14.3 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है। इस साल धान की बुआई का कुल रकबा 18 लाख हेक्टेयर रहने की संभावना है। अब तक 24.1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है।इस साल 5 जनवरी तक 4.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस अवधि में 5.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई हुई थी। धान का यह रकबा पिछले साल के मुकाबले कम है क्योंकि खरीफ फसल की देर से हुई कटाई के चलते कुछ इलाकों में बुआई का काम देर से शुरू हुआ था। दलहन की फसल का कुल रकबा सामान्यत: 11.3 लाख हेक्टेयर होता है, लेकिन इस साल अभी तक 1.03 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई है। पिछले साल रबी सीजन में सभी फसलों का कुल रकबा 21.9 लाख हेक्टेयर था।कृषि आयुक्त सुनील शर्मा ने कहा - हाल में हुई बारिश की वजह से पानी की स्थिति ठीक है। किसान खरीफ सीजन में हुए नुकसान की भरपाई की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रबी सीजन के लिए एक ओर जहां 10 लाख क्विंटल बीज की दरकार है और इसकी सब्सिडी की कीमत 114 करोड़ रुपये है, वहीं करीब 34 लाख टन उर्वरक की जरूरत है। रबी सीजन में बैंकों ने अब तक 4800 करोड़ रुपये का कर्ज बांटा है और आने वाले दिनों में और कर्ज बांटे जाएंगे। चना, मिर्च और गन्ने को छोड़कर खरीफ की बाकी फसल की कटाई का काम पूरा हो चुका है। शुरुआती दौर में बोए गए इलाकों और बारिश पर आश्रित इलाकों में शुरुआती काम शुरू हो चुका है। हालांकि मूसलाधार बारिश की वजह से दिसंबर तक राज्य में 17.1 लाख हेक्टेयर जमीन में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। बारिश ने कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल असर डाला है क्योंकि इस वजह से धान, कपास और मक्के की फसल की पैदावार पर भी असर पड़ा है। साथ ही कुर्नूल व अनंतपुर जिले में चने की फसल में लगी बीमारी से भी उत्पादन पर असर पडऩे की संभावना है। मक्के और चने की फसल शुरुआती अïवस्था में है जबकि बंगाली चने में फूल आने लगे हैं क्योंकि इसकी बुआई का काम मध्य जनवरी तक चलेगा। कुएं व सिंचाई के दूसरे छोटे स्रोतों से धान की बुआई का काम भी चल रहा है। साथ ही दलहन की भी बुआई हो रही है। श्रीकाकुलम, नेल्लोर, कुर्नूल, अनंतपुर, रंगारेड्डी, विशाखापट्टनम और महबूबनगर जिले कृषि गतिविधियों के मामले में फिलहाल दूसरे जिलों के मुकाबले अग्रणी स्थान पर हैं। (BS Hindi)

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