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21 जनवरी 2011

कॉपर मूल्य में आ सकती है गर्मी

खपत - अगले महीनों में इलेक्ट्रिकल उपकरणों का सीजन होगा तो मांग बढ़ेगीइलेक्ट्रीकल उद्योग की मांग बढऩे से कॉपर की कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में कॉपर की इन्वेंट्री मध्य जुलाई से अभी तक 16.2 फीसदी घट चुकी है। 17 जुलाई को एलएमई में 449,425 टन कॉपर की इन्वेट्री थी जबकि 14 जनवरी को इन्वेट्री घटकर 376,225 टन की रह गई। इन्वेंट्री कम होने और खपत में बढ़ोतरी होने से एलएमई में कॉपर के दाम अगस्त से अभी तक 30.7 फीसदी और घरेलू बाजार में 18 फीसदी बढ़ चुके हैं।
सारु कॉपर एलॉय सेमीस प्रा. लिमिटेड के डायरेक्टर संजीव जैन ने बताया कि फरवरी में इलेक्ट्रिकल उद्योग की कॉपर की मांग बढ़ेगी। वैसे भी भारत में कॉपर के दाम एलएमई की तेजी-मंदी पर निर्भर करते हैं जबकि एलएमई में कॉपर की इन्वेंट्री लगातार कम हो रही है जिससे कीमतों में तेजी बनी हुई है।
एलएमई में तीन माह अनुबंध के भाव चार अगस्त को 7,380 डॉलर प्रति टन थे जबकि बुधवार को कॉपर का कारोबार 9,७४२ डॉलर प्रति टन पर हो रहा था। बुधवार को शुरूआती सत्र में भाव रिकॉर्ड स्तर पर 9781 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया। चीन में कॉपर की औद्योगिक मांग लगातार बढ़ रही है जिससे तेजी को बल मिला है। उन्होंने बताया कि भारत में कॉपर का उत्पादन 30-35 हजार टन पर ही स्थिर बना हुआ है जबकि खपत लगातार बढ़ रही है।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लि. के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में पावर सेक्टर में निवेश बढ़ रहा है। जिससे कॉपर की खपत में इजाफा हो रहा है। पॉवर सेक्टर में मुख्य रूप से केबल, तार और ट्रांसफार्मर के निर्माण में कॉपर का उपयोग होता है। राठी पंप प्रा. लिमिटेड के डायरेक्टर रामबीर सिंह ने बताया कि अप्रैल में गर्मियों का सीजन शुरू होगा इसीलिए फरवरी-मार्च में उद्योग की कॉपर में मांग बढ़ जाएगी।
घरेलू बाजार में कॉपर आर्मेचर का भाव 425 रुपये प्रति किलो रहा। अगस्त से अभी तक कीमतों में 18 फीसदी की तेजी आ चुकी है। चार अगस्त को घरेलू बाजार में इसका भाव 360 रुपये प्रति किलो था। कॉपर की कीमतों में तेजी से फरवरी में पंप, मोटर और पंखों की कीमतों में तीन से पांच फीसदी की तेजी आने की संभावना है।
नीलकंठ मेटल ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर दीपक अग्रवाल ने बताया कि कॉपर की सबसे ज्यादा खपत इलेक्ट्रिकल उद्योग में होती है। मार्च-अप्रैल से इलेक्ट्रिक उपकरणों की मांग का सीजन शुरू हो जाता है। इसीलिए फरवरी में कॉपर की मांग बढऩे की संभावना है। एंजिल ब्रोकिंग के मेटल विश्लेेषक अनुज गुप्ता ने बताया कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चालू महीने में कॉपर की कीमतों में करीब 1.8 फीसदी की तेजी आ चुकी है। पहली जनवरी को फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में कॉपर का भाव 439 रुपये प्रति किलो था जबकि बुधवार को बढ़कर 448 रुपये प्रति किलो हो गया। बात पते की - कॉपर की सर्वाधिक खपत इलेक्ट्रिकल उद्योग में होती है। मार्च-अप्रैल से इलेक्ट्रिक उपकरणों की मांग का सीजन शुरू हो जाता है। इसीलिए फरवरी में कॉपर की मांग बढऩे की संभावना है। (Business bhaskar....R S Rana)

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