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08 फ़रवरी 2011

नए लहसुन की आवक से घटे दाम

भोपाल February 07, 2011
लहसुन का तड़का सस्ता होने से आम आदमी की थाली फिर से मसालेदार होने जा रही है। मंडियों में लहसुन की नई फसल आनी शुरू हो गई है। इसके चलते इसके दाम में भी 2-3 दिनों में 1000 रुपये तक की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 15-20 दिनों में ये गिरावट 5000 रुपये तक पहुंच गयी है। वर्तमान समय में लहसुन के दाम 8000 रुपये से लेकर 14000 रुपये तक बने हुए हैं। हालांकि लहसुन के जानकार आने वाले दिनों में दाम में और कमी की कम ही आशंका जता रहे हैं।इंदौर के लहसुन व्यापारी अवंति दास ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि लहसुन को लेकर मंडियों में अकाल अब खत्म हो गया है। कुछ समय पहले तक 200-300 कट्टे लहसुन ही मंडियों में आ पाता था। हालांकि वर्तमान में आवक हर दिन 3000-4000 कट्टे से अधिक हो रही है। ऐसे में नई फसल के मंडी तक पहुंचने से भाव में गिरावट आने लगी है। हालांकि आने वाले समय में लहसुन के दाम नीचे में 8000 रुपये से ज्यादा टूटने की आशंका न के बराबर ही है।आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश की मंडियों में लहसुन की आवक में तेजी का रुख है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसी बड़ी मंडियों में प्रति दिन 3-5 हजार कट्टों के बीच आवक का दौर जारी है। साथ ही अन्य मंडियों में भी 2 से 3 हजार कट्टे लहसुन बिक्री के लिए पहुंच रहा है। ऐसे में दाम भी काफी संतुलित बना हुआ है। अच्छी गुणवत्ता वाला लहसुन 12 से 14 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल के आस-पास है, जबकि छोटे और मीडियम दाने वाले लहसुन के लिए खरीदारों को क्रमश: 8 हजार और 12 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं।लहसुन के बुआई सत्र से लेकर जनवरी के अंत तक देश में लहसुन की पूर्ति कम ही रही है। इसके विपरीत इसकी मांग आसमान पर बनी हुई थी। ऐसे में मांग और पूर्ति के असंतुलन ने दाम में उछाल ला दिया था। साथ ही बढ़ी विदेशी मांग से भी कीमतों पर असर देखने को मिल रहा था। इनमें बंाग्लादेश और मलेशिया जैसे देश प्रमुख हैं। इंदौर के लहसुन निर्यातक हरि चौरसिया ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले सत्र में लहसुन का उत्पादन कुछ ज्यादा खास नहीं रहा था। साथ ही विदेशों से भी मांग अधिक होने से अच्छे लहसुनों को विदेश निर्यात कर दिया गया था। ऐसे में लहसुन का स्टॉक न के बराबर ही बचा था। हालांकि वर्तमान में नई फसल से पूर्ति को बल मिला है। साथ ही दाम पर से भी मंहगाई का खतरा दूर हुआ है।मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, उड़ीसा और केरल राज्य प्रमुख रूप से काफी अधिक मात्रा में लहसुन का उत्पादन करते हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इनमें से अधिकतर राज्य में लहसुन उत्पादन में भारी कमी आयी है। देश के कुल लहसुन उत्पादन का लगभग 37 फीसदी उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है।मध्यप्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में लहसुन का उत्पादन सबसे अधिक किया जाता है। इनमें नीमच, इंदौर, रतलाम, मंदसौर और उज्जैन जैसे जिले प्रमुख हैं। प्रदेश में वर्ष 2008-09 में केवल 1.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही कुल 1 लाख 26 हजार टन लहसुन का उत्पादन किया गया था, जोकि उससे पहले वाले वर्ष की तुलना में काफी कम था। वर्ष 2007-08 में राज्य में 1.71 लाख हेक्टेयर में लहसुन का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2010-11 में भी लहसुन को लेकर कुछ ऐसे ही संकेत विशेषज्ञ जता रहे थे। (BS Hindi)

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