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26 फ़रवरी 2011

डब्ल्यूडीआरए मार्च से शुरू करेगा वेयरहाउस रजिस्ट्रेशन

बात पते की - निवेशक इन एजेंसियों से वेयरहाउस का एक्रीडेशन करवा सकते हैं। एक्रीडेशन के लिए 7,500 रुपये फीस और 7,500 रुपये सिक्योरिटी निवेशक को जमा करानी होगी। जिसकी अवधि साढ़े तीन साल तय की गई है।भंडारण विकास एवं नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) मार्च मध्य से वेयरहाउसों का रजिस्ट्रेशन शुरू करेगा। डब्ल्यूडीआरए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक वेयर हाउसों के रजिस्ट्रेशन के लिए 314 आवेदन आ चुके हैं जिसकी भंडारण क्षमता लगभग 11 लाख टन हैं। वेयर हाउस रसीद से किसानों को समय पर ऋण मिलने में आसानी तो होगी ही। साथ ही इससे खाद्यान्न की बर्बादी रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि वेयर हाउसों के एक्रीडेशन के लिए तीन एजेंसियों को नामित किया गया है। इनमें भारतीय अनाज भंडारण प्रबंधन एवं अनुसंस्थान संस्थान (आईजीएमआरआई) हापुड़ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्किटिंग (एनआईएएम) जयपुर के अलावा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) शामिल हैं। निवेशक इन एजेंसियों से वेयर हाउस का एक्रीडेशन करवा सकते हैं। एक्रीडेशन के लिए 7,500 रुपये फीस और 7,500 रुपये सिक्योरिटी साढ़े तीन साल के लिए निवेशक को जमा करानी होगी। इन्हे 40 कृषि जिंसों को इसके लिए चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे दूर दराज के इलाकों में किसानों को उनके उत्पादों के भंडारण की सुविधा मिलेगी। साथ ही वेयर हाउस रसीद के माध्यम से किसानों को बैंकों से आसानी से उत्पाद की कुल कीमत का 75 फीसदी तक ऋण भी मिल सकेगा। इससे किसानों को अपनी जिंस की ब्रिकी के समय माल उठाने की भी आवश्यकता नहीं होगी। किसानों को वेयर हाउस रसीद के माध्यम से अपनी जिंस की बिक्री करने की सुविधा होगी। नैशनल बल्क हैंडलिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (एनबीएचसी) के नार्थ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वेयर हाउस निर्माण में प्राइवेट कंपनियां ज्यादा निवेश कर रही है। इससे जो किसान औने-पौने दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर थे। उन्हें आसानी से वेयर हाउस में माल रखकर उसकी ऐवज में बैंक से लोन मिल जायेगा। जब फसल का भाव बढ़ेगा तब किसान बैंक का पैसा वापिस करके अपनी जिंस की बिकवाली कर सकेगा। इससे देश भर में कर्ज दिए जाने का मानक भी तय होगा। उच्च क्वालिटी के वेयरहाउसों का निर्माण होगा जिससे ज्यादा समय तक जिंसों का भंडारण किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे कृषि जिंसों की खरीद-फरोक्त में आसानी होगी। (Business bhaskar....R S Rana)

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