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07 फ़रवरी 2011

पहले से ही महंगी लाल मिर्च और तेज होने की संभावना

दिसंबर में हुई बारिश और बाढ़ से आंध्र प्रदेश में लालमिर्च की पैदावार 30 फीसदी घटने की आशंका जताई जा रही है। इसलिए पिछले पंद्रह दिनों के दौरान हाजिर बाजार में लालमिर्च के दाम करीब दस फीसदी बढ़ चुके हैं। 334 क्वालिटी की लालमिर्च का भाव बढ़कर शनिवार को 7,500 -8,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। पाकिस्तान और चीन में भी बाढ़ के कारण मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसीलिए भारत से निर्यात भी बढ़ा है। निर्याकों के साथ घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग को देखते हुए मौजूदा कीमतों में और भी दस फीसदी की तेजी आने की संभावना है।
गुंटूर चिली मर्चेंटस एसोसिएशन के सचिव एस. कोठारी ने बताया कि दिसंबर में आंध्र प्रदेश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और बाढ़ से लालमिर्च की फसल को करीब 30 -35 फीसदी नुकसान होने की आशंका है।
पिछले साल राज्य में करीब दो करोड़ बोरी (एक बोरी-40 किलो) मिर्च का उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय (एएनजीआरएयू) के एग्रीकल्चर मार्किट इंटेलीजेंस सेंटर (एएमआईसी) ने भी पैदावार 30 फीसदी कम होने का अनुमान लगाया है। उधर पाकिस्तान और चीन में भी बाढ़ से पैदावार कम हुई है। जिसके कारण भारत से निर्यात मांग भी अच्छी बनी हुई है।
आंध्र प्रद्रेश कृषि विभाग के अनुसार चालू सीजन में लालमिर्च की बुवाई 45 हजार हैक्टेयर में हुई है। जबकि पिछले साल 53 हजार हैक्टेयर में हो चुकी थी। किसानों ने लालमिर्च के बजाए कॉटन और हल्दी की बुवाई ज्यादा क्षेत्रफल में की है क्योंकि पिछले साल हल्दी और कॉटन के किसानों को ज्यादा दाम मिले थे। अशोक एंड कंपनी के डायरेक्टर अशोक दत्तानी ने बताया कि घरेलू बाजार में दाम बढऩे से निर्यात मांग पहले की तुलना में कम हुई है। लेकिन पाकिस्तान और चीन के पास स्टॉक कम है।
इसीलिए आगामी दिनों में बांग्लादेश, मलेशिया के साथ पाकिस्तान और चीन की आयात मांग बढऩे की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान निर्यात में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस वृद्धि के साथ मिर्च का निर्यात 179,500 टन के स्तर पर जा चुका है।
गुंटूर मंडी के थोक व्यापारी मांगी लाल मुंदड़ा ने बताया कि पैदावार कम होने के कारण मसाला निर्माताओं के साथ ही स्टॉकिस्टों की अच्छी खरीद बनी हुई है। मंडी में इस समय दैनिक आवक 38-40 हजार बोरी की हो रही है। इसमें भी ज्यादातर माल फटकी क्वालिटी के आ रहे हैं। शनिवार को मंडी में 334 क्वालिटी की लालमिर्च के भाव बढ़कर 7,500-8,200 रुपये, तेजा क्वालिटी के 8,800 से 9,000 रुपये और फटकी क्वालिटी के 3,500 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। पिछले साल इस समय 334 का भाव 4,500 रुपये प्रति क्विंटल था।
एनसीडीईएक्स पर निवेशकों की खरीद से पिछले तीन दिनों में लालमिर्च के दाम 10.2 फीसदी बढ़ चुके हैं। दो फरवरी को मिर्च मार्च वायदा का भाव जहां 9,002 रुपये प्रति क्ंिवटल था। वहीं शनिवार को यह दाम बढ़कर 9,924 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।बात पते की:-चालू सीजन में अब तक लालमिर्च की बुवाई 45 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जो पिछले साल 53 हजार हैक्टेयर में हो चुकी थी। पिछले साल हल्दी और कॉटन की फसलों से ज्यादा लाभ मिलने के कारण किसानों ने इन फसलों की बुवाई को प्राथमिकता दी। (Business Bhaskar......R S Rana)

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