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18 मार्च 2011

भारतीय गेहूं पर यूजी-९९ बीमारी का असर नहीं

विश्व के कई देशों में खाद्यान्न के लिए खतरा बन रही फंफूदी संबधी बीमारी यूजी-९९ से भारतीय गेहूं पूरी तरह सुरक्षित है। अफ्रीकी देशों सहित विश्व के दूसरे कई हिस्सों में फफूंदी संबधी बीमारियों के चलते खाद्य पदार्थों को नुकसान पहुंचने की खबरें है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री अरुण यादव ने बताया कि भारत में उगाई जाने वाली गेहूं की ज्यादातर किस्मों में फंफूदी संबधी रोगों से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता है। केंन्या और यूथोपिया में यूजी-९९ नामक फंफूदी रोग फैल गया है।
यादव ने कहा कि भारत में किसी भी हिस्से में यूजी-९९ नामक फंफूदी रोग के फैलने की कोई सूचना नहीं है, और सर्वे के मुताबिक देश की गेहूं फसल इस रोग से पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होने बताया कि के न्या में गेहूं की भारतीय किस्मों का मूल्यांकन किया गया है, जिसमें ३० से ज्यादा किस्मों में यूजी -९९ फ फूंदी रोग से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता पाई गई है। इसके साथ ही सरकार इस बीमारी से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय करने पर विचार कर रही है।
भारत में मौजूद गेंहू की किस्मों के प्रतिरोधक सिस्टम में यूजी ९९ से लडऩे की पूरी क्षमता का और विकास किया जा रहा है। सरकार द्वारा जारी दूसरे अतिरिक्त अनुमान के मुताबिक चालू सीजन के दौरान देश के गेहूं उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। सरकारी अनुमान के मुताबिक चालू रबी सीजन के दौरान देश का गेहूं उत्पादन ८१४.७ लाख टन के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है।
हालांकि सरकार यह भी कह रही है कि यह उत्पादन ८४० लाख टन के स्तर पर भी पहुंच सकता है। देश के उत्तरी इलाकों में गेहूं फसल की कटाई अप्रैल माह में शुरू हो जाने की संभावना है। गेहूं शोध प्रोजेक्ट के महानिदेशक एसएस सिंह ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं फसल की कटाई मध्य अप्रैल तक शुरु हो जाने की संभावना है।बात पते की :- चालू रबी सीजन में देश का गेहूं उत्पादन ८१४.७ लाख टन पहुंच जाने की संभावना है। हालांकि सरकार यह भी कह रही है कि यह उत्पादन ८४० लाख टन के स्तर पर भी पहुंच सकता है। (Business Bhaskar)

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