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05 मार्च 2011

वैश्विक सोया निकालेगा दम

भोपाल March 04, 2011
सोयाबीन उत्पादक देशों में इस बार उत्पादन बेहतर रहने के संकेत मिल रहे हैं जिससे भारत की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट में सोया उत्पादक देशों में 5 से 15 फीसदी तक उत्पादन बढऩे की उम्मीद है, साथ ही आने वाली नई रिपोर्ट में आंकड़ों में और सुधार होने की बात कही जा रही है। ऐसे में भारत से निर्यात होने वाले सोया पर इसका असर देखने को मिल सकता है साथ ही कीमतों में भी और नरमी आ सकती है। वर्तमान में सोयाबीन 1950-2250 रुपये प्रति क्विंटल पर बना हुआ है।भारतीय सोया प्रोसेसर्स संघ (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि सोया उत्पादक देशों में अच्छी फसल होने के संकेत से भारत पर दबाव बढ़ेगा, साथ ही निर्यात पर भी असर देखने को मिलेगा। हालांकि अभी तक 25 लाख टन सोया का निर्यात हो चुका है। ब्राजील, अर्जेंटीना और अन्य देशों में 4 से लेकर 15 फीसदी तक उत्पादन बढऩे के अनुमान हैं। मार्च में अमेरिकी कृषि विभाग की रिपोर्ट में उत्पादन के आंकड़ों में और संशोधन किए जाएंगे। ऐसा होने पर भारत के सोया की मांग भी घटेगी। साथ ही अधिक आपूर्ति और मांग कम रहने से कीमतों में गिरावट की आशंका है। अमेरिकी कृषि विभाग की मानें तो वर्तमान सत्र में अधिकतर सोया उत्पादक देशों में अच्छे उत्पादन के संकेत हैं। अर्जेंटीना में जहां उत्पादन 4 फीसदी बढ़कर 488 लाख टन रहने की उम्मीद है, वहीं ब्राजील में यह बढ़कर 685 लाख टन रह सकता है। आस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भी उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है। विश्व में अच्छे उत्पादन के संकेतों से कीमतों में पिछले वर्ष की तुलना में काफी कमी देखी जा रही है। पिछले वर्ष 2500 रुपये प्रति क्विंटल सोयाबीन की बिक्री हो रही थी, जबकि इस वर्ष दाम में गिरावट का दौर जारी है। जानकारों का मानना है कि सोयाबीन के दाम में कमी का सिलसिला लंबा चलेगा। इंदौर के सोया निर्याता सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि सोया और खली की विदेशी मांग कम है। इससे दाम में नरमी का माहौल है। मार्च-अप्रैल तक ब्राजील, अर्जेंटीना में आवक बढऩे से भाव में और गिरावट आएगी। विदेश में नई फसल के बाद भारत की तुलना में सस्ते में खली मिलने से मांग और बढ़ेगी। वर्तमान में प्रदेश की अधिकतर मंडियों में आवक लगातार जारी है। देश भर का लगभग 85 फीसदी सोया उत्पादन मध्य प्रदेश में होता है। प्रदेश से हर साल भारी मात्रा में दूसरे देशों को खली और सोयाबीन का निर्यात होता है। इस बार देश में सोया निर्यात लक्ष्य 35 लाख टन रखा गया है। (BS Hindi)

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