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09 मार्च 2011

पीडीएस में तेल व दाल की सुलभता बढ़ेगी

बात पते की :- 31 मार्च को समाप्त हो रही सस्ती दाल व खाद्य तेल वितरण की स्कीम एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की गई है। ईजीओएम की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए सरकार राज्यों में पीडीएस यानि राशन की दुकानों के जरिये सस्ती दालों और खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आवंटित राशि में 66.6 फीसदी की बढ़ोतरी कर 500 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की गई है। उपभोक्ता मामले विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2010-11 के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी, जो समाप्त हो चुकी है।
इसके तरह सरकार बीपीएल परिवारों को दाल और खाद्य तेल सस्ते दामों पर राशन की दुकानों के जरिये सुलभ कराती है। उन्होंने बताया कि राज्यों को सब्सिडी युक्त दालों एवं खाद्य तेलों के आवंटन की अवधि 31 मार्च 2011 को समाप्त हो रही है, जिसे एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
खाद्य मामलों पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की आगामी बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सब्सिडी की इस योजना के तहत खाद्य मंत्रालय दालों एवं खाद्य तेलों का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये करता है।
दालों पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और खाद्य तेलों पर 15 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाती है। हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें चालू वित्त वर्ष में पीडीएस में आवंटित करने के लिए दालों और खाद्य तेलों का उठान कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 15 फरवरी, 2011 तक सार्वजनिक कंपनियों पीईसी, एमएमटीसी, एसटीसी और नेफेड तीन लाख टन आयातित दालों की सप्लाई पीडीएस में कर चुकी हैं। जबकि चालू वित्त वर्ष में अभी तक सार्वजनिक कंपनियों ने कुल 6.1 लाख टन दालों के आयात सौदे किए हैं तथा इसमें से 5.56 लाख टन दालेें भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच चुकी हैं। इसीलिए आवंटित राशि समाप्त हो चुकी है।
वर्ष 2010-11 में देश में दलहन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है जबकि तिलहन उत्पादन भी बढऩे की संभावना है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक दालों का उत्पादन बढ़कर 165.1 लाख टन होने का अनुमान है। वर्ष 2009-10 में देश में दालों का 146.6 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
तिलहन उत्पादन दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार पिछले साल के 248.82 लाख टन से बढ़कर 278.48 लाख टन होने का अनुमान है। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भारत हर साल करीब 35 से 40 लाख टन दालों और 75 से 80 लाख टन खाद्य तेलों का आयात करता है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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