कुल पेज दृश्य

18 मार्च 2011

पैदावार में आया दम तो गेहूं होगा नरम

चंडीगढ़/ मुंबई March 17, 2011
देश भर में गेहूं की बंपर फसल होने और गुजरात की मंडियों में नए गेहूं की आवक शुरू होने के कारण कारोबारियों को इसके दाम घटने के आसार दिखाई दे रहे हैं। कारोबारियों की मानें तो अप्रैल-मई में गेहूं की आवक बढऩे पर इसके दाम 10 फीसदी गिर सकते हैं।फिलहाल दिल्ली में गेहूं का भाव 1,285-1,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है और अगले दो महीनों में इसका भाव गिरकर 1,175 रुपये हो सकते हैं। गुजरात की मंडियों में तो गेहूं का भाव 1,120 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से भी कम चल रहा है। वायदा बाजार में भी आने वाले समय में गेहूं के भाव गिरने के संकेत मिल रहे हैं। मई वायदा का दाम 1,185 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि दिल्ली डिलिवरी के लिए आज का हाजिर भाव 1,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा। बठिंडा मंडी के एक कारोबारी मनीष मोंगा ने बताया, 'इस बार कृषि जिंसों के भाव को लेकर सरकारी एजेंसियां भी सतर्क रहेंगी। आने वाले समय में गेहूं के दाम गिरने के कारण निजी कारोबारी भी इसे खरीदने को तैयार नहीं हैं।Ó चालू वर्ष के लिए दूसरे कृषि अग्रिम अनुमान की घोषणा करते हुए कृषि मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि इस साल गेहूं का रकबा 8.15 करोड़ टन रह सकता है। पिछले साल यह रकबा 8.07 करोड़ टन था। हालांकि गेहूं शोध संस्थान करनाल के निदेशक एस एस सिंह के अनुसार फसल के लिहाज से बेहतरीन मौसम रहने के कारण इसका रकबा 8.4 करोड़ टन हो सकता है। गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगी होने के कारण अधिक उत्पादन होने पर गेहूं के भाव नीचे गिर सकते हैं। गेहूं निर्यात को अनुमति मिली तो भी अंतरराष्टï्रीय भाव के कारण यह फायदे का सौदा नहीं होगा।नवी मुंबई के फै्रंडशिप टे्रडर्स के देवेंद्र वोरा का कहना है, 'गुजरात के गेहूं को बेहतर माना जाता है। बाजार में इसकी आवक शुरू हो गई है और सौराष्टï्र क्षेत्र की मंडियों में इसका भाव 1,025 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं। अब इसके दाम एमएसपी से भी कम हैं और किसानों को नुकसान हो रहा है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: