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11 अप्रैल 2011

भारतीय खाद्य निगम को 5,000 करोड़ के शॉर्टटर्म लोन को मंजूरी

नई दिल्ली: चालू रबी विपणन मौसम में गेहूं खरीद को सुनियोजित तरीके से आगे बढाने के उद्देश्य से सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को उसकी वर्ष 2010-11 की कार्यशील पूंजी जरुरतों को पूरा करने के लिए 5,000 करोड़ रुपए के अल्पावधि ऋण की मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी दी गई। खाद्य निगम इस रिण की वापसी अगले वित्त वर्ष में करेगा। यह देखते हुए कि इस कर्ज की वापसी का समय करीब एक साल है इसपर 364 दिन की ट्रेजरी बिल के बराबर ब्याज देय होगा। सरकारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी देते हुए कहा गया है कि वित्तपोषण की यह व्यवस्था दूसरे विकल्प की तुलना में सस्ती होगी। बाजार से नकदी जुटाने की 10.60 प्रतिशत ब्याज दर सीमा की तुलना में यह ऋण सस्ता होगा। भारतीय खाद्य निगम को बैंकों के एक समूह से कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के लिए 34,495 करोड़ रुपए की नकद उधारी सीमा उपलब्ध है। एफसीआई वर्तमान में इस समूह द्वारा उपलब्ध पूरी रिण सीमा का इस्तेमाल कर चुका है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने निगम को 5,000 करोड़ रुपए का अल्पावधि कर्ज देने का फैसला किया है ताकि निगम खाद्यान्न की वसूली और भंडारण कार्य कर सके। (BS Hindi)

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