कुल पेज दृश्य

13 अप्रैल 2011

घट सकती है इलायची की पैदावार

कोच्चि April 11, 2011 गर्मी के मौसम में केरल के इडुक्की जिले में हो रही अनियमित बारिश की वजह से इलायची का उत्पादन चक्र गड़बड़ा गया है। किसानों का कहना है कि इस वजह से उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है। इडुक्की ऐसा जिला है जहां इलायची के तहत सबसे ज्यादा रकबा है और भारत में इलायची के कुल उत्पादन में करीब 60 फीसदी का योगदान देता है। खास तौर से रात में हो रही बारिश और दिन में गर्मी की वजह से इलायची के फूलों के गुच्छे नष्ट हो जाते हैं। उत्पादकों के मुताबिक, इससे इलायची के पौधे में पुष्पण पर भारी असर पड़ेगा और इस वजह से अगले सीजन में उत्पादन में गिरावट आ सकती है। इलायची का अगला कटाई सीजन जुलाई-अगस्त में शुरू होगा। इलायची केपौधे में फूल लगने के बाद सामान्यत: इसमें मई-जून तक फल लगता है, जब मॉनसून की शुरुआत होती है ताकि ठंडे और बारिश भरे मौसम में इसका विकास आसानी से हो सके। लेकिन गर्मी के मौसम में बारिश होने के चलते फूलों के गुच्छे नहीं लग पा रहे हैं और इलायची का फसल चक्र गड़बड़ा रहा है। किसानों का कहना है कि पौधों के सूखने से मई-जून की अवधि में फूलों के नए गुच्छे के उभरने में दिक्कतें हो सकती हैं। इस बीच, सामान्यत: इन महीनों में होने वाली ताजा नीलामी में इलायची की औसत कीमतें गिरकर 990 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं। इस महीने की 7 तारीख को इसकी कीमतें 1008 ररुपये प्रति किलोग्राम थी जबकि 6 अप्रैल को 1010 रुपये प्रति किलोग्राम। इन दोनों दिनों को छोड़कर नीलामी केंद्रों में औसत भाव 1010 रुपये प्रति किलोग्राम के नीचे रहा। यह इलायची का ऑफसीजन है और उत्पादक व कारोबारी इस अवधि में इलायची की कीमतों में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। (BS HIndi)

कोई टिप्पणी नहीं: