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17 जून 2011

सितंबर तक नया रेकॉर्ड बना सकता है सोना

मुंबई/ नई दिल्ली : तमाम टेक्निकल चार्ट भले ही सोने की कीमत घटकर 1,500 डॉलर प्रति औंस (31.10 ग्राम) से नीचे जाने का इशारा कर रहे हों, आम मध्यवर्गीय उपभोक्ता की पहुंच से यह पीली धातु आने वाले दिनों में भी दूर रह सकती है। इसकी वजह यह है कि भारत और चीन की ओर से निचले स्तर पर होने वाली खरीदारी के चलते इसकी कीमत 20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर बनी हुई है। एक विदेशी बैंक और दो सरकारी बैंकों के बुलियन डीलर्स ने माना है कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जून के अंत तक सोने का दाम गिरकर 1,470 डॉलर प्रति औंस के आसपास पहुंच जाए, लेकिन 1,505-1,510 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर गोल्ड की फिजिकल खरीदारी इसकी कीमत को मजबूत बनाए रखने में मदद दे रही है। विदेशी बाजारों में सोने का हाजिर भाव करीब 1,518 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के लिए ज्यादातर सरकारी व्यापार आंकडे़ निचले स्तर पर सोने की खरीदारी के बारे में बुलियन डीलर्स के रुख का समर्थन कर रहे हैं। खासतौर पर मई में, जब सोने का आयात करीब 9 अरब डॉलर पर वैल्यू किया गया, जबकि इसका सालाना औसत करीब 22 अरब डॉलर का होता है।2 मई को गोल्ड की कीमत 1,575 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन परंपरागत धार्मिक आधार पर सोने की खरीदारी का दिन माने जाने वाले अक्षय तृतीया के दिन 5 मई को भाव 110 डॉलर गिरकर 1,465 डॉलर पर आ गया। मई के पहले पखवाड़े में सोने का औसत भाव 1,512 डॉलर प्रति औंस रहा, जबकि जून के पहले पखवाड़े में औसत कीमत 1,533 डॉलर प्रति औंस रही। एक सरकारी बैंक के बुलियन ट्रेडर ने कहा कि सोने की कीमतों में तेज गिरावट और मजबूत रुपए की बदौलत आयात में बढ़ोतरी हुई है। एक बहुराष्ट्रीय बैंक के बुलियन डीलर के मुताबिक, 'टेक्निकल्स के हिसाब से कीमतों में गिरावट लंबे वक्त से तय दिख रही है, लेकिन निचले स्तर पर खरीदारी एक मजबूत अवरोध के तौर पर सामने आ रही है और इस वजह से कीमतों में गिरावट नहीं हो पा रही है। अक्षय तृतीया की वजह से मई में कीमतों में तेज उछाल आया और इससे ही कीमतें गिरकर 1,500 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गईं।' एक और डीलर ने कहा कि सोने की कीमतों में गिरावट हमेशा टेक्निकल स्वरूप में होती है, हालांकि बाजार में उछाल सेंटिमेंट आधारित होता है। ईटी ने जिन तीन डीलरों से बात की, उन्होंने जून अंत तक कीमतों के मौजूदा 1,518-1,520 डॉलर प्रति औंस के स्तर से गिरने की संभावना जताई है, लेकिन उनका अनुमान है कि कीमतें सितंबर तिमाही तक फिर नए रिकॉर्ड पर पहुंच जाएंगी क्योंकि उस वक्त देश के ग्रामीण इलाकों में खर्च शुरू हो जाएगा और साथ ही क्रिसमस से पहले होने वाली खरीदारी भी जोर पकड़ने लगेगी। एक डीलर ने कहा, 'अगर सोना 1,555 डॉलर का स्तर पार कर जाता है तो यह नया रेकॉर्ड बना सकता है। साथ ही, यह कुछ वक्त तक इस स्तर पर कायम भी रह सकता है।' (ET Hindi)

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