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07 जुलाई 2011

खुशखबरी, दालें सस्ती हो जाएंगी

आर.एस. राणा नई दिल्ली
मिलेगी राहत उत्पादक राज्यों में बारिश होने से बंधी यह उम्मीद महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश हैं इन राज्यों में शामिलपिछले दो दिनों में दलहन के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के उत्पादक क्षेत्रों में बारिश हुई है जिससे दालों की कीमतों में तेजी रुकने की उम्मीद है। बारिश की कमी के कारण पिछले आठ- दस दिनों में दाल की थोक कीमतों में 250 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। हालांकि, कनाडा में मटर और मसूर तथा आस्ट्रेलिया में चने के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। ऐसे में भविष्य में दालों की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। ग्लोबल दाल इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर चंद्रशेखर एस नादर ने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के उत्पादक क्षेत्रों में पिछले दो दिनों में बारिश हुई है जिससे दालों की कीमतों में जारी तेजी रुकने की संभावना है। उत्पादक क्षेत्रों में बारिश देर से होने के कारण मूंग और उड़द की बुवाई में कमी आएगी, लेकिन अरहर की बुवाई बढऩे की संभावना है। बंदेवार दाल एंड बेसन मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनिल एस बंदेवार ने बताया कि महाराष्ट्र की मंडियों में उड़द दाल का भाव बढ़कर 4,000-4,300 रुपये, मूंग दाल का 4,000-4,400 रुपये, अरहर दाल का 3,000-3,500 रुपये और चने का भाव बढ़कर दिल्ली में 2,750-2,775 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। हालांकि, बारिश से इनकी कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की आंशिक गिरावट आने की उम्मीद है। रिका ग्लोबल इम्पैक्स लिमिटेड के डायरेक्टर कर्ण अग्रवाल ने बताया कि आयातित दालों के दाम भी तेज बने हुए है। म्यांमार की लेमन अरहर का भाव मुंबई बंदरगाह पर 640 डॉलर, उड़द एफएक्यू का 825 डॉलर, एसक्यू का 925 डॉलर, मूंग पेड़ीसेवा का 1150 डॉलर, कनाडा की मसूर का 520 डॉलर और कनाडाई मटर का भाव 465 डॉलर प्रति टन है। कनाडा में वर्ष 2011-12 में मटर का उत्पादन 26 फीसदी घटकर 21.25 लाख टन रह जाने और मसूर का उत्पादन पिछले साल के 14.10 लाख टन से घटकर 11.30 लाख टन पर आ जाने का अनुमान है। उधर आस्ट्रेलिया में चने की बुवाई पिछले साल के 5.46 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 2011-12 में 3.03 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, इसलिए आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में तेजी आने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में अभी तक दालों की बुवाई 7.08 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 8.68 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। वर्ष 2010-11 के खरीफ सीजन में दलहन की बुवाई कुल 123.43 लाख हेक्टेयर में हुई थी। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार 2010-11 में दालों का उत्पादन 70.3 लाख टन होने का अनुमान है। इसमें 31.5 लाख टन अरहर, 14 लाख टन उड़द, 12.1 लाख टन मूंग और 12.7 लाख टन अन्य दालें शामिल हैं। (Business Bhaskar....R S Rana)

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