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26 जुलाई 2011

इस्मा ने मांगी और चीनी निर्यात की अनुमति

नई दिल्ली July 24, 2011
निर्यात से करीब 25 फीसदी ज्यादा रकम हासिल होने और ब्राजील में कम चीनी उत्पादन के अनुमान के चलते भारतीय चीनी मिलें अक्टूबर तक 10 लाख टन और चीनी निर्यात की अनुमति देने की मांग कर रही हैं। भारतीय चीनी मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने पिछले शुक्रवार को खाद्य मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि 10 लाख टन और चीनी निर्यात की अनुमति दी जाए। निर्यात का यह कोटा साल की शुरुआत में 10 लाख टन के अतिरिक्त होगा।भारत में चीनी मिलों को घरेलू बाजार के मुकाबले निर्यात से औसतन 600-700 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा रकम मिल रही है। महाराष्ट्र में चीनी की कीमतें 2600 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि उत्तर प्रदेश में 2900 रुपये प्रति क्विंटल।10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दिए जाने के बाद देसी मिलें करीब 70,000 टन का निर्यात कर चुकी हैं। भारत ने एडवांस लाइसेंस स्कीम के तहत 11 लाख टन चीनी का निर्यात भी किया है। अप्रैल में सरकार ने सबसे पहले 5 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी थी और फिर जून में भी 5 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति मिली।दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश ब्राजील ने फसल के नुकसान और सूखे मौसम के चलते मार्च के बाद से उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 6.4 फीसदी घटा दिया है। ब्राजील ने मार्च में 345.9 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान जाहिर किया था, लेकिन अब इसे घटाकर 323.8 लाख टन कर दिया गया है, इस तरह से वैश्विक बाजार में 221 लाख टन चीनी की कमी हो जाएगी। उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें बढ़ रही हैं और मई की शुरुआत के मुकाबले चीनी वायदा में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और देश में निजी चीनी मिलों के अग्रणी संगठन इस्मा का मानना है कि भारत के पास चीनी का अतिरिक्त स्टॉक होगा, जिसका फायदा ब्राजील के कम उत्पादन के चलते उठाया जा सकता है। इस्मा के महानिदेशक अबिनाश वर्मा ने कहा - वैश्विक बाजार में ब्राजील की कमी की भरपाई भारत कर सकता है। मौजूदा अक्टूबर-सितंबर सीजन में 294 लाख टन चीनी की उपलब्धता और खपत व निर्यात (210 व 21 लाख टन) को देखते हुए देश के पास 1 अक्टूबर को 63 लाख टन का ओपनिंग स्टॉक रहेगा। वर्मा ने कहा कि पिछले चार वर्षों में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान औसत खपत पर नजर डालें तो 63 लाख टन चीनी का स्टॉक काफी ज्यादा है क्योंकि उस दौरान 54 लाख टन से ज्यादा चीनी की खपत नहीं हुई है। चीनी निर्यात खोले जाने के बावजूद खुदरा बाजार में कीमतें नहीं बढ़ी हैं। उपभोक्ता विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में खुदरा बाजार में चीनी 32.5 रुपये पर उपलब्ध है जबकि छह महीने पहले यह 33 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध थी। (BS Hindi)

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