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30 अगस्त 2011

सोने के गहनों की मासिक किस्त न पड़ जाए महंगी


मुंबई
आप अपनी बेटी का जन्मदिन धूमधाम से मनाना चाहते हैं या फिर अपने खास दोस्त की शादी में शरीक होना चाहते हैं?
आप जरूर सोच रहे होंगे कि इस खास मौके पर आपको कैसा उपहार देना चाहिए। ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह के मौके पर उपहार देना अब आसान हो गया है। आपको जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि टाटा समूह की तनिष्क और पी एन गाडगिल ज्वैलर्स मासिक बचत योजना चला रहे हैं। यह बैंकों की जमा योजनाओं की तरह ही है।
इस योजना के तहत आप अलग-अलग अवधि के लिए कम पूंजी की बचत कर सकते हैं। अवधि खत्म होने के बाद निवेशक उस रकम से सोने के गहने खरीद सकता है क्योंकि नकद पैसे वापस करने की अनुमति इस योजना में नहीं है।
कई लोकल ज्वैलर्स इस तरह की योजनाएं चला रहे हैं। इन योजनाओं में शुरूआत में न्यूनतम 500 रुपये प्रति माह निवेश किया जा सकता है। तनिष्क यह स्कीम 12 महीने और 18 महीने के लिए चलाती है।
क्या है प्रक्रिया
जो योजना 12 महीने की है, इसके लिए निवेशक को 11 महीने तक किस्त देनी होती है और तनिष्क अंतिम किस्त देती है। इसी तरह 18 महीने की योजना में निवेशकों को 17 महीने की किस्त देनी होती है जबकि ज्वेलर अंतिम किस्त देता है। यह अलग-अलग ज्वेलर के लिए अलग हो सकता है।
पुणे में पीएन गाडगिल ज्वेलर्स के स्टोर मैनेजर राजेश सोनी का कहना है, 'एक साल की योजना के लिए ग्राहकों को 12 महीने तक किस्त का भुगतान करना होता है और एक महीने की मुफ्त किस्त हम अपने ग्राहकों को देते हैं जो बोनस होता है।'
पीएन गाडगिल स्टोर अपने ग्राहकों को, एक साल, 2 साल और 3 साल की योजनाओं का विकल्प मुहैया कराते हैं। एक साल की स्कीम पर वे एक महीने की किस्त बोनस के तौर पर देते हैं, 2 साल की स्कीम पर 3 महीने की किस्त और 3 साल की स्कीम पर 7 महीने की किस्त देते हैं। इस अवधि के अंत में निवेशक उसी ज्वैलर्स की दुकान से सोने या चांदी के गहने खरीद सकता है।
तनिष्क की शॉप में 22 कैरेट का शुद्ध सोना और 18 कैरेट का जड़ा हुआ हीरा और प्लेटिनम ज्वैलरी खरीदी जा सकती है। हालांकि अगर आप सोने या चांदी के सिक्के चाहते हैं तो इसमें इसका ऑफर नहीं है। आपके पास यह विकल्प भी होगा कि आप अपनी बचत क्षमता के मुताबिक मासिक किस्त को बढ़ा या घटा सकें।
लेकिन अगर आपने अपनी किस्त का भुगतान नहीं किया तो परिपक्वता की तारीख बढ़ जाएगी। यानी आप तय तिथि से भुगतान में जितने दिनों की देरी करेंगे उतनी ही देरी योजना के परिपक्व होने में लगेगी। अगर आपको नकद पैसे की जरूरत है और आप इस स्कीम को जल्दी खत्म करते हैं तो आपको ज्वैलर्स द्वारा दिया जाने वाला बोनस नहीं मिलेगा।
निवेश से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग स्कीम की पूरी अवधि में निवेश करते रहते हैं उनके पास अच्छी रकम इकट्ठा हो जाती है। इस तरह की योजनाएं अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए बेहतर हैं और इसमें थोड़ी बचत भी हो जाती है। लेकिन वे मूल निवेश के तौर पर इसकी सिफारिश नहीं करते।
जोखिम की संभावना
ट्रेंडी इंवेस्टमेंट के मुख्य कार्याधिकारी डी सुंदराजन का कहना है, 'खुदरा निवेशकों के लिए इस तरह की योजनाओं में कई तरह के जोखिम हैं। ज्वैलरी के कारोबार का नियमन नहीं होता, इसी वजह से इसमें पैसे के सुरक्षित होने की कोई गारंटी नहीं होती। इसी तरह लोकल ज्वैलर डिफॉल्ट साबित भी हो सकता है।'
दूसरी खास बात यह है कि सोने की कीमतों में स्थिरता नहीं है। इंवेस्टोलाइन डॉट इन के अभिनव अंग्रीश का कहना है, 'आपको क्या मालूम है कि जब आपके निवेश की अवधि पूरी हो जाएगी जब सोने का कारोबार किस दर पर हो रहा होगा? अगर सोने का कारोबार 16,000 पर हो रहा है और ऐसे वक्त में अवधि जब खत्म हो रही हो तो यह और भी ज्यादा ऊंची दर पर जा सकता है।'
ज्यादा कीमत होने से आप कम कीमत की खरीदारी ही कर पाएंगे क्योंकि इन स्कीमों में नकदी नहीं मिल पाती है। ऐसे में आपको महसूस हो सकता है कि आपके पैसे फंस गए हैं। फोरफ्रंट कैपिटल की राधिका गुप्ता का कहना है, 'आप अपने पैसे एक इलिक्विड विकल्प में डाल रहे हैं और 1 साल की अवधि कम नहीं होती है।'
छोटी मासिक बचत योजनाओं के लिए भ्भी म्युचुअल फंडों का सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) भी एक बेहतर विकल्प है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़े के मुताबिक पिछले एक साल में एक म्युचुअल फंड रेटिंग एजेंसी, इक्विटी डाइवर्सिफाइड फंड ने औसतन 82 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं एचडीएफसी टॉप 200 ने भी एक साल में लगभग 85 फीसदी का रिटर्न दिया है।
डीएसपीबीआर इक्विटी ने लगभग 83 फीसदी का रिटर्न दिया है। इस तरह साल में 2000 रुपये के मासिक निवेश से 43,680 रुपये बनाया जा सकता है। सुंदराजन का कहना है, 'अगर कोई अपने पोर्टफोलियो में सोना शामिल करना चाहता है तो उसे मासिक आधार पर गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फं ड (ईटीएफ) खरीदना चाहिए। इसके अलावा आप एक ग्राम सोना भी खरीद सकते हैं।'
बाद में इन यूनिटों को सोने में तब्दील किया जा सकता है। ये योजनाएं उनके लिए बेहतर हैं जिन्हें किसी जल्द आने वाले किसी खास मौके पर कुछ उपहार देना हो और वे बड़ी रकम नहीं जुटा सकते। गुप्ता का कहना है, 'लेकिन तब भी इन योजनाओं में कम निवेश करने का विकल्प ही बेहतर होगा।'
...निवेश में बरते सावधानी
बैंकों की तर्ज पर ज्वैलर्स चला रहे हैं मासिक बचत योजनाइस स्कीम की परिपक्वता की अवधि 1,2 और 3 सालों की हैज्वैलर्स आखिरी महीने का किस्त देते हैं निवेश राशि से गहने खरीदने की है बाध्यता

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