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25 अक्तूबर 2011

परंपरा के साथ निवेश का त्योहार भी बन गया धनतेरस

धनतेरस पर पारंपरिक रूप से शगुन और समृद्धि के लिए की जाने वाली खरीदारी, देश में बढ़ती वित्तीय जागरूकता के साथ-साथ निवेश का रूप ले चुकी है। पहले इस दिन लोग बर्तन, ज्वेलरी आदि पर खर्च करते थे। पर अब गोल्ड ईटीएफ, चांदी, शेयर, म्यूचुअल फंड आदि में निवेश कर रहे हैं। हालांकि रिटर्न के मामले में सोने व चांदी के आगे हर उत्पाद क चमक फीकी है।
पिछले साल धनतेरस पर देश में करीब 800 करोड़ रुपये का सोना बिका था, जो इस साल एक हजार करोड़ रुपये हो सकती है। इस एक वजह गोल्ड ईटीएफ की बढ़ती लोकप्रियता है। देश में फिलहाल 11 एसेट मैनेजमेंट कंपनियां कंपनियां गोल्ड उत्पाद बेच रही हैं। गोल्ड ईटीएफ कारोबार 11 गोल्ड ईटीएफ और 3 गोल्ड फंड ऑफ फंड (एफओएफ) ऑफर करती हैं।
कंपनियों का मानना है कि इस वर्ष धनतेरस पर गोल्ड ईटीएफ की मांग पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा हो सकती है। ईटीएफ उत्पाद उपलब्ध कराने वाली कंपनियां इसे उपहार के तौर पर भी प्रचारित कर रही हैं। उपहार के रूप में एक ग्राम गोल्ड ईटीएफ आप किसी मित्र या रिश्तेदार को दे सकते हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों को गिफ्ट स्वरूप भी गोल्ड ईटीएफ उपलब्ध करा रही हैं।
एसबीआई म्यूचुअल फंड के वरिष्ठ अधिकारी मिराज ने बताया कि धनतेरस पर गोल्ड ईटीएफ की मांग में जोरदार वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। पहले जहां लोग इक्विटी आधारित म्यूचुलअ फंड की मांग करते थे, वहीं पिछले कुछ वर्षो में धनतेरस पर गोल्ड ईटीएफ एवं गोल्ड म्यूचुअल फंड की मांग अधिक रही। ग्लोब कैपिटल के वाइस प्रेसिडेंट अविनाश के मुताबिक गोल्ड ईटीएफ 2002-03 में पहली बार आए और अब पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो चुके हैं। (hindustan Hindi)

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