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14 अक्तूबर 2011

पीक सीजन के बावजूद रबर मजबूत

नेचुरल रबर के उत्पादन का पीक सीजन होने के बावजूद कीमतों में तेजी की संभावना है। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) के दौरान नेचुरल रबर का घरेलू उत्पादन 3.11 लाख टन का हुआ है जबकि इस दौरान खपत 4.02 लाख टन की हुई है। घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की कुल उपलब्धता मांग के मुकाबले कम है जबकि रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत होने से आयातित रबर के दाम भी ऊंचे है। घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के दाम 211-214 रुपये प्रति किलो हैं। हरिसंस मलयालम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज कपूर ने बताया कि नेचुरल रबर के उत्पादन का पीक सीजन शुरू हो गया है जिससे उत्पादन तो बढ़ रहा है लेकिन इसके मुकाबले मांग ज्यादा है। इसीलिए घरेलू बाजार में नेचुरल रबर की उपलब्धता मांग के मुकाबले कम बनी हुई है जिससे तेजी की संभावना है। अगस्त महीने में नेचुरल रबर का उत्पादन 71,200 टन का हुआ जबकि इस दौरान मांग 77,000 टन की रही। नेचुरल रबर का आयात भी अगस्त महीने में घटकर 14,060 टन का हुआ है जबकि पिछले साल अगस्त में इसका आयात 24,209 टन का हुआ था। ऑटोमेटिव टायर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए) के महानिदेशक राजीव बुद्धिराजा ने बताया कि इस समय टायर निर्माता कंपनियों की मांग कुछ कम है लेकिन आगामी दिनों में बढऩे की संभावना है। इसीलिए पीक सीजन के बावजूद नेचुरल रबर की कीमतों में तेजी की ही उम्मीद है। चालू महीने में कोट्टायम में नेचुरल रबर की कीमतों में चार से पांच रुपये प्रति किलो की तेजी आई है।
बुधवार को रबर का भाव बढ़कर 211-214 रुपये प्रति किलो हो गया। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को नेचुरल रबर का भाव 208 रुपये प्रति किलो रहा। रबर मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम तेज होने के कारण आयात कम हो रहा है। जबकि रबर बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 में नेचुरल रबर का उत्पादन 8.61 लाख टन का हुआ है जबकि इस दौरान खपत 9.47 लाख टन की हुई है ऐसे में करीब 86,000 टन की उपलब्धता कम रही। चालू साल में खपत में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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