कुल पेज दृश्य

07 नवंबर 2011

सोना छोड़ा, चांदी छोड़ी, तांबे से भरी तिजोरी

मुंबई November 06, 2011




भले ही अब तक खुदरा निवेशकों को सोना और चांदी सबसे ज्यादा लुभाते थे, पर अब इनकी चमक पर तांबा भारी पड़ रहा है। निवेशकों ने तांबे के ई-श्रृंखला वाले कॉन्ट्रैक्ट खरीदकर अपने पोर्टफोलियो में तांबे को शामिल करना शुरू कर दिया है। तांबे की ई-श्रृंखला वाले कॉन्ट्रैक्ट का कारोबार एमसीएक्स के प्रवर्तन वाले नैशनल स्पॉट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसईएल) पर होता है।
नैशनल स्पॉट एक्सचेंज पर बीते साल नवंबर से अब तक ई-कॉपर कॉन्ट्रैक्ट का औसत दैनिक कारोबार कई गुना बढ़ चुका है। बीते साल नवंबर में ई-कॉपर में दैनिक औसत कारोबार 23.05 करोड़ रुपये हुआ करता था जो इस साल अक्टूबर में बढ़कर 318.17 करोड़ रुपये हो गया है। इसी अवधि में ई-गोल्ड और ई-सिल्वर में दैनिक औसत कारोबार 20.20 करोड़ रुपये और 56.55 करोड़ रुपये से बढ़कर क्रमश: 250.98 करोड़ रुपये और 205.81 करोड़ रुपये हो गया है। दरअसल सोने और चांदी की कीमतें पिछले दो सालों में काफी तेजी से बढ़ी हैं और यही वजह है कि अब निवेशक इनके बजाय तांबे में निवेश करना अधिक पसंद कर रहे हैं। वहीं इस दौरान तांबे की कीमतों में नरमी आई है। इस साल जनवरी से अब तक सोने और चांदी की कीमतों में क्रमश: 30 और 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि तांबे की कीमतें 20 फीसदी घटी हैं।
आदित्य बिड़ला मनी में कमोडिटीज के प्रमुख अमर सिंह बताते हैं, 'खुदरा निवेशकों को लगता है कि दूसरी बहुमूल्य धातुओं की तुलना में तांबे के भाव ज्यादा बढ़ सकते हैं और इसी वजह से वे तांबे में पैसा लगा रहे हैं। वैश्विक बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से एनएसईएल पर तांबा कॉन्ट्रैक्ट लोकप्रिय रहा है।'
तांबे का कारोबार कमोडिटी वायदा एक्सचेंजों और एनएसईएल पर होता है। पिछले 7 सालों में 2 बार ही तांबे ने नकारात्मक प्रतिफल दिया है। पहली बार 2008 में और दूसरी बार मौजूदा वर्ष में। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: