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03 नवंबर 2011

बासमती में किसानों को भारी नुकसान

दबाव - निर्यातकों की मांग कम जबकि उत्पादन ज्यादा होने की संभावनाघाटे का सौदापूसा-1121 की खेती करने पर साधारण धान की तुलना में 5000 रुपये प्रति एकड़ ज्यादा खर्च आता है। ऐसे में किसानों को पूसा-1121 का भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल से कम मिलने पर नुकसान होता है। किसानों को 700-1200 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है।चंडीगढ़/लुधियाना/नई दिल्ली निर्यातकों की मांग कमजोर होने और उत्पादन ज्यादा रहने की संभावना से पूसा-1121 समेत बासमती धान के भाव पिछले साल के मुकाबले 30-40 फीसदी कम चल रहे हैं। इस वजह से किसानोंं को करीब 700 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। पंजाब की मंंडियों में आवक की शुरूआत में ही पूसा 1121 धान का भाव 1500-1700 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि हरियाणा की मंडियों में भाव 1300 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल है।
पिछले साल यहां की मंडियों में किसानों को 2000-2400 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला था। बासमती धान की कीमतों में आई गिरावट से बासमती चावल के भी दाम पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी कम हैं। हरियाणा के किसान क्लब के महासचिव वी. के. कपूर के मुताबिक पूसा-1121 की खेती करने पर साधारण धान की तुलना में 5000 रुपये प्रति एकड़ ज्यादा खर्च आता है।
बीज, उर्वरक और कीटनाशक पर ज्यादा लागत आती है, जबकि साधारण पीआर धान की तुलना में पैदावार कम रहती है। साधारण पीआर धान की प्रति एकड़ पैदावार 20-30 क्विंटल रहती है जबकि पूसा-1121 की पैदावार 12-18 क्विंटल प्रति एकड़ रहती है। ऐसे में किसानों को पूसा 1121 का भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल से कम मिलने पर नुकसान होता है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल के मुताबिक राज्य में इस बार स्थिति यह है कि किसानों को पूसा बासमती का रेट काफी कम मिल रहा है।
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बार पंजाब में करीब छह लाख हेक्टेयर रकबे में बासमती की बुवाई हुई है। जिसमें अधिकतर पूसा-1121 है। पिछले साल बासमती के अधीन करीब 5.5 लाख हेक्टेयर रकबा था। हरियाणा में धान के कुल 11.50 लाख हैक्टेयर रकबा में से 6.5 लाख हैक्टेयर रकबा पूसा-1121 का है।
पंजाब मंडी बोर्ड के वाइस चेयरमैन रविंदर सिंह चीमा के मुताबिक इस साल निर्यातकों में असमंजस की स्थिति है। जिसके चलते वे खुलकर बासमती नहीं खरीद रहे हैं। इसी वजह से ही राज्य में बासमती का भाव काफी कम है। मंडी बोर्ड की तरफ से भी केंद्र सरकार के समक्ष मांग उठाई गई है कि इस साल बासमती का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठाए जाने के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है।
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सेतिया ने बताया कि चालू खरीफ में बासमती धान की पैदावार में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। चालू खरीफ में हरियाणा में करीब 60 फीसदी क्षेत्रफल में पूसा-1121 धान की बुवाई हुई है। बासमती चावल की निर्यात मांग इस समय कमजोर है। जिससे धान की कीमतों में गिरावट को बल मिल रहा है। केआरबीएल लिमिटेड के डायरेक्टर अनूप गुप्ता ने बताया कि चालू खरीफ में बासमती धान की पैदावार बढ़कर 55 से 60 लाख टन होने का अनुमान है।
निर्यातकों ने पिछले दो साल से उधारी में माल बेचा था जिसकी वजह से निर्यातकों का भुगतान फंसा है। इस वजह से निर्यातक सीमित मात्रा में ही निर्यात सौदे कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूसा-1121 चावल सेला का भाव 900 डॉलर प्रति टन है जबकि सुपीरियर बासमती चावल का औसत भाव 1,115 डॉलर प्रति टन है।
खुरानिया एग्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर रामविलास खुरानिया ने बताया कि निर्यातकों की मांग कमजोर होने से प्लांट वाले खरीद कम रहे हैं। उत्पादक मंडियों में पूसा-1,121 धान का भाव घटकर 1,775-1,800 रुपये, डीपी का भाव 1,500-1,600 रुपये और पूसा बासमती का भाव 1,900 रुपये प्रति प्रति क्विंटल रह गया।
पिछले साल पूसा-1121 का भाव 2,500-2,600 रुपये, डीपी का भाव 2,200-2,300 रुपये और पूसा बासमती धान का भाव 2,800 रुपये प्रति क्विंटल था। नरेला मंडी में पूसा-1121 बासमती धान का भाव घटकर 1,700 रुपये, डीपी धान का 1,500 रुपये और सुगंधा का भाव 1,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
चावल के थोक कारोबारी राजेंद्र बंसल ने बताया कि पूसा-1,121 बासमती का सेला चावल का भाव घटकर 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि पिछले साल इसका भाव 4,300-4,400 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से डीपी चावल सेला का भाव घटकर इस समय 3,000-3,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि पिछले इसका भाव 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल था। (Business Bhaskar....R S Rana)

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