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22 दिसंबर 2011

खाद्य सुरक्षा विधेयक कांग्रेस का चुनावी हथकंडाः मायावती

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को गरीबों के लिए अव्यवहारिक बताते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को कहा कि बिना धन और खाद्यान्न की व्यवस्था किए इस विधेयक को पारित कराना कांग्रेस पार्टी का एक चुनावी स्टंट है।मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार दोपहर एक बयान जारी कर खाद्य सुरक्षा विधेयक के अंतर्गत किए गए प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि इस विधेयक में दी गई व्यवस्था के अनुसार पात्र व्यक्तियों को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न की आपूर्ति न होने पर उन्हें राज्य सरकार को खाद्य सुरक्षा भत्ता देना पड़ेगा, जो कि राज्य सरकार को वहन करना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों के तहत राज्यों में राज्य खाद्य सुरक्षा आयोग गठित करने की बात की गई है। इस आयोग के गठित होने पर इसके क्रियान्वयन व मूल्यांकन के लिए स्टाफ आदि की व्यवस्था करनी पड़ेगी, जिसका व्ययभार भी राज्य सरकारों को उठाना पड़ेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्यान्न और वित्तीय व्यवस्था किए बगैर इस विधेयक को पास कराने का प्रयास कांग्रेस पार्टी का एक चुनावी हथकंडा है।केंद्र सरकार पर गैर कांग्रेसी राज्य सरकारों के साथ सौतेला रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान के तहत मिलने वाली उचित आर्थिक सहायता नहीं दे रही है और जो दे भी रही है वह समय से आवंटित नहीं की जा रही है, जिससे गैर कांग्रेस शासित राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है।मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले से ही गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों (बीपीएल) की संख्या निर्धारित कर रखी है और बार-बार अनुरोध करने के बाद भी बीपीएल की संख्या बढ़ाई नहीं गई है। बीपीएल परिवारों की संख्या निर्धारित करने से बड़ी संख्या में गरीब लोग इस विधेयक के लाभों से वंचित रहेंगे। बसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पहले से संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है। केंद्र सरकार के रवैए से ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी अन्य योजनाओं की तरह इस विधेयक का भी वही हश्र होगा।उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि राज्य सरकार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का भार न डालकर केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्‍ध कराती, जिससे अधिक से अधिक गरीबों को लाभान्वित किया जा सकता। (amarujala)

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