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31 जनवरी 2012

मसाला निर्यात में 5 फीसदी की गिरावट

मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान मात्रा के लिहाज से मसालों और इसके उत्पादों के निर्यात में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान 3,51,900 टन मसाले का निर्यात हुआ जबकि पिछले साल की समान अवधि में 3,72,010 टन मसाले का निर्यात हुआ था। हालांकि रुपये में कीमत के लिहाज से इसमें 43 फीसदी जबकि डॉलर के लिहाज से 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान भारत ने 6209.08 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4336 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा कमाई थी।
अप्रैल-नवंबर 2011 के दौरान काली मिर्च, छोटी इलायची, बड़ी इलाइची, अदरक, हल्दी, जीरा, जायफल और जावित्री समेत दूसरे मसालों के निर्यात में मात्रा व कीमत दोनों लिहाज से बढ़ोतरी दर्ज की गई। मिर्च, मसालों के तेल आदि के मामले में सिर्फ कीमत के लिहाज से बढ़ोतरी हुई। धनिया, लहसुन समेत दूसरे मसालों के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले मात्रा व कीमत दोनों लिहाज से गिरावट दर्ज की गई।
सबसे अच्छा प्रदर्शन छोटी इलायची का रहा, जिसमें मात्रा के लिहाज से 444 फीसदी की और कीमत के लिहाज से 290 फीसदी की उछाल आई। इस अवधि में 3100 टन इलायची का निर्यात हुआ और इससे 253.74 करोड़ रुपये हासिल हुए जबकि पिछले साल की समान अवधि में 570 टन इलायची का निर्यात हुआ था और इससे 65.12 करोड़ रुपये मिले थे। देश में इलायची के सालाना उत्पादन का करीब 30 फीसदी हिस्सा पहले ही निर्यात किया जा चुका है। निर्यात मुख्य रूप से पश्चिम एशिया, अमेरिका और यूरोप को हुआ। जायफल व जावित्री के मामले में मात्रा व कीमत दोनों लिहाज से भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर की अवधि के 1295 टन और 55 करोड़ रुपये की रकम के मुकाबले इस वित्त वर्ष की समान अवधि में 2250 टन का निर्यात हुआ और इससे 157.81 करोड़ रुपये हासिल हुए।
इस अवधि में 17,000 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ और इससे 518.80 करोड़ रुपये हासिल हुए, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले मात्रा के लिहाज से 43 फीसदी जबकि कीमत के लिहाज से 139 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान 475 टन बड़ी इलायची का निर्यात हुआ और इससे 37.02 करोड़ रुपये हासिल हुए, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले मात्रा के लिहाज से 25 फीसदी व कीमत के लिहाज से 100 फीसदी ज्यादा हैं। इस अवधि में मिर्च का निर्यात मात्रा के लिहाज से 24 फीसदी घटा जबकि धनिये का निर्यात 41 फीसदी। अदरक के निर्यात में मात्रा के लिहाज से 94 फीसदी की गिरावट आई।
अप्रैल-नवंबर के दौरान 26,500 टन जीरे का निर्यात हुआ और इससे 379.24 करोड़ रुपये प्राप्त हुए जबकि पिछले साल की समान अवधि में 20,750 टन जीरे का निर्यात हुआ था और इससे 248.79 करोड़ रुपये हासिल हुए थे। इस अवधि में कुल 11,500 टन करी पाउडर व पेस्ट का निर्यात हुआ और इससे 164.53 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। (BS Hindi)

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