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31 जनवरी 2012

विदेश में भारतीय मक्का सबसे सस्ता, तेजी संभव

आर.एस. राणा नई दिल्ल

विश्व बाजार में भारतीय मक्का सबसे सस्ती होने के कारण निर्यातकों की खरीद बढ़ गई है। इसके अलावा स्टार्च मिलों की ओर से भी मक्का की अच्छी मांग निकल रही है। चालू महीने में मक्का की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आकर दिल्ली में भाव 1,375-1,380 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं।

चालू फसल सीजन में अक्टूबर से अभी तक करीब 12 लाख टन मक्का के निर्यात सौदे हो चुके हैं। मक्का में चीन और सीरिया की आयात मांग में बढ़ोतरी हुई है। जबकि उत्पादक मंडियों में खरीफ मक्का की आवक घट गई है जबकि रबी की मक्का की फसल आने में करीब तीन महीने का समय शेष है। इसलिए मौजूदा कीमतों में तेजी की ही संभावना है।अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के भारत में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर से अभी तक करीब 12 लाख टन मक्का के निर्यात सौदे हो चुके है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय मक्का सबसे सस्ती है। वियतनाम भारतीय मक्का की खरीद 311 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) की दर से कर रहा है जबकि चीन 304 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) पर कर रहा है। चीन की आयात मांग में 10 लाख टन की बढ़ोतरी होकर कुल मांग 40 लाख टन की हो गई है।उन्होंने बताया कि अर्जेंटीना और ब्राजील में मक्का की नई फसल की आवक शुरू हो गई है तथा इन देशों में उत्पादन भी पिछले साल से ज्यादा है लेकिन अमेरिका में पैदावार में कमी आने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़े हुए हैं। अर्जेंटीना में मक्का की पैदावार 2.6 करोड़ टन और ब्राजील में 6.1 करोड़ टन होने का अनुमान है। पिछले साल इन देशों में क्रमश: 2.25 और 5.75 करोड़ टन की पैदावार हुई थी।अमेरिका में मक्का का उत्पादन पिछले साल के 31.6 करोड़ टन से घटकर 31.4 करोड़ टन का हुआ है। चीन के अलावा इस समय सीरिया सबसे बड़ा आयातक देश है।

बीएम इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर एम. एल. अग्रवाल ने बताया कि खरीफ मक्का की आवक पहले की तुलना में कम हो गई है जबकि रबी फसल की आवक अप्रैल महीने में बनेगी।

निर्यातकों के साथ ही स्टॉर्च मिलों की मांग बनी हुई है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु की मंडियों में मक्का की कीमतें 1,180-1,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं। काकीनाडा बंदरगाह पर पहुंच मक्का के सौदे 1,350-1,360 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। कृषि मंत्रालय के अनुसार रबी में मक्का की बुवाई 11.71 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 10.72 लाख हैक्टेयर में हुई थी। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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