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28 फ़रवरी 2012

भारत से 61 लाख टन चावल निर्यात की संभावना

इंटरनेशनल ग्रेन्स काउंसिल (आईजीसी) ने चालू वर्ष 2012 के दौरान भारत से ज्यादा चावल निर्यात होने की उम्मीद जताई है। उसके अनुसार भारत से 61 लाख टन चावल का निर्यात हो सकता है। पहले 50 लाख टन चावल निर्यात होने की गुंजाइश बताई थी।

आईजीसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत से चावल निर्यात के बारे में यह अनुमान इसके आधार पर लगाया है कि सरकार गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वर्ष में भी जारी रखेगी। सरकार ने घरेलू खपत से ज्यादा उत्पादन होने की संभावना के चलते सितंबर 2011 में चावल निर्यात की अनुमति दी थी।

पिछले माह आईजीसी ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चावल उत्पादक देश भारत से 50 लाख टन चावल के निर्यात की संभावना जताई थी। पिछले साल 2011 के दौरान भारत से कुल 41 लाख टन चावल का निर्यात किया गया था। चालू फसल वर्ष 2011-12 (जुलाई-जून) के दौरान 1027.5 लाख टन चावल का उत्पादन होने का अनुमान है।

सरकार ने बासमती चावल के निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को घटाकर 700 डॉलर प्रति टन तय किया है। चावल निर्यात के मामले में आईजीसी ने भारत व पाकिस्तान को छोड़कर बाकी सभी देशों से सप्लाई घटने का अनुमान जताया है। चावल निर्यात में कमी की संभावना वाले देशों में थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 में थाईलैंड का चावल निर्यात 106 लाख टन से घटकर 67 लाख टन रहने का अनुमान है। वियतनाम का निर्यात 71 लाख टन से घटकर 64 लाख टन रह सकता है।

इसी तरह अमेरिका से निर्यात 33 लाख टन से घटकर 30 लाख टन रहने की संभावना है। आईजीसी के अनुसार वैश्विक स्तर पर चावल का आयात सात फीसदी घटकर 322 लाख टन रह सकता है। बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे एशियाई देशों की खरीद में कमी आ सकती है। (Business Bhaskar)

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