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12 अप्रैल 2012

सूखे से इलायची पिचकी

केरल के इडुक्की जिले के ज्यादातर इलायची उत्पादक क्षेत्रों में भीषण गर्मी से इसकी 20 फीसदी फसल खराब हो गई है। उदुमबानचोला तालुका के उत्पादकों के मुताबिक गर्मी में बारिश न होने से इलायची के पौधों के साथ ही नए फुटाव को भी नुकसान पहुंचा है। इससे अगले सीजन में उत्पादन घट सकता है।
करीब 35 फीसदी नया फुटाव पहले ही खराब हो चुका है, जिससे अगले सीजन में फसल की आवक में 4-6 सप्ताह की देरी होगी। आमतौर पर इलायची की कटाई जून तक शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार यह जुलाई के आखिरी सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह तक शुरू हो सकेगी। अत्यधिक गर्मी की स्थिति तालुका के ज्यादातर हिस्सों जैसे कट्टाप्पाना, नेदुनकदडम, वांडांमेडु, नारायनपारा और इराट्टयार में है, जहां इलायची प्रमुख फसल है। हालांकि अन्य तालुकों जैसे तोदुपुझा और पीरुमेडु में पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान 5-6 बार गर्मी की बारिश हुई है लेकिन ज्यादातर इलाचयी उत्पादक क्षेत्र अभी बारिश की बाट जोह रहे हैं। इसलिए गर्मी और सूखे मौसम की वजह से पौधों को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
हालांकि नए फुटाव को भारी नुकसान पहुंचा है, लेकिन उत्पादकों को उम्मीद है कि अगर पौधों को अगले कुछ सप्ताह में बारिश मिल जाए तो नुकसान की भरपाई हो सकती है। उनके अनुसार पिछले सीजन में भी ऐसी ही गर्मी थी, जिससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस बार कुल उत्पादन 10-15 फीसदी घटने की संभावना है। पिछले सीजन में उत्पादन 11,000 टन रहा था। इस बार उत्पादन 9,000 टन रहने का अनुमान है।
सूखा मौसम काली मिर्च के लिए भी नुकसानदायक है, क्योंकि नये ताजा फुटाव के लिए बारिश बहुत जरूरी होती है। हालांकि तोदुपुझा क्षेत्र में काली मिर्च की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। लेकिन जिले थेक्कडी-कुमली क्षेत्र में इसकी फसल प्रभावित हुई है।
उत्पादकों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि प्रचंड गर्मी की वजह से इस क्षेत्र में काली मिर्च की बहुत अधिक बेल खराब हुई हैं। राज्य में काली मिर्च का सालाना औसत उत्पादन 45,000 टन है। (BS Hindi)

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