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14 मई 2012

जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई

संसदीय समिति ने कहा है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत बहुत कम जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की गई। समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह राज्यों को इस कानून के तहत जमाखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहे।

उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण प्रणाली संबंधी संसदीय स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले तीन वर्षों 2009, 2010 और 2011 के दौरान इस कानून के तहत मारे गए छापों, गिरफ्तार व्यक्तियों, मुकदमों और सजा के अलावा बरामदगी के मामले बहुत कम रहे हैं।
देश की आबादी और आकार को देखते हुए यह संख्या बहुत कम है।

समिति ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम और कालाबाजारी नियंत्रण एवं आवश्यक वस्तु अनुरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करना राज्य सरकारों के कार्यक्षेत्र में है। इस वजह से केंद्र को राज्यों पर इन कानूनों के तहत कार्रवाई करने में तेजी लाने के लिए दबाव डालना चाहिए।

समिति ने केंद्र सरकार को इन दोनों कानूनों के अनुपालन की निगरानी करने की सिफारिश की है। वर्ष 1989 में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 70 वस्तुएं शामिल थी। बाद में इन्हें घटाकर सिर्फ सात कर दिया गया। इन वस्तुओं में खाद्य पदार्थ, दवाइयां, फर्टिलाइजर, पेट्रोलियम उत्पाद, कच्चा जूट, खाद्य फसलों के बीच और फल शामिल हैं। (Business Bhaskar)

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