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23 जून 2012

ग्वार वायदा शुरू करने पर सरकार का सतर्क रुख

चौकस क्यों :- वायदा कारोबार शुरू होने की चर्चाएं शुरू होते ही सट्टेबाजी तेज हो जाएगी और हाजिर में भाव और बढऩे लगेंगे। अभी भी ग्वार गम और ग्वार सीड के भाव पिछले साल के स्तर से सात-आठ गुना तक ज्यादा हैं। 67,000 रुपये प्रति क्विटंल पर ग्वार गम जोधपुर में काफी ऊंचे स्तर पर 20,000 रुपये के भाव पर ग्वार सीड बिक रहा है मंडियों में पिछले सीजन में ग्वार गम और ग्वार सीड के मूल्य में दस गुना से भी ज्यादा तेजी आने के बाद इसके वायदा कारोबार पर लगी रोक हटवाने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। हालांकि वायदा कारोबार की प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने वाला उपभोक्ता मामलात मंत्रालय अगले सीजन में ग्वार वायदा शुरू करने के सवाल पर सतर्कता बरत रहा है। मंत्रालय ने फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) से कहा है कि इस मसले पर अभी विचार की कोई जरूरत नहीं है। सितंबर में ग्वार की नई फसल की आवक शुरू होने के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और वायदा कारोबार शुरू करने के बारे में कोई फैसला किया जाएगा। मंत्रालय ने अगस्त तक इस पर कोई विचार करने से इंकार किया है। हाजिर और वायदा बाजार में ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के बाद सरकार ने मार्च 2012 में इसके वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। उपभोक्ता मामले मंत्रालय एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एफएमसी से कहा गया है कि सितंबर में नई फसल की आवक शुरू होने के बाद ही स्थिति की समीक्षा की जाएगी और वायदा कारोबार को दोबारा शुरू करने पर विचार किया जाएगा। दरअसल मंत्रालय ग्वार वायदा के सवाल पर अत्यधिक सतर्क है क्योंकि वायदा कारोबार शुरू होने की चर्चाएं शुरू होते ही सट्टेबाजी तेज हो जाएगी और हाजिर में भाव और बढऩे लगेंगे। अभी भी ग्वार गम और ग्वार सीड के भाव पिछले साल के स्तर से सात-आठ गुना तक ज्यादा हैं। अधिकारी ने बताया कि ग्वार के प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान और हरियाणा में मानसून पूर्व की बारिश भी नहीं हुई है तथा मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद ही ग्वार की बुवाई इन राज्यों में बढ़ेगी। इसलिए अभी ग्वार की बुवाई एरिया का भी कोई अनुमान लगाना मुश्किल है। मंत्रालय नई आवक शुरू होने के बाद ही कोई विचार करेगा। उन्होंने बताया कि एफएमसी के अधिकारी ग्वार की बुवाई और मंडियों में इसकी कीमतों पर नजर रखे हुए हैं। स्टॉकिस्टों की सक्रियता से वायदा और हाजिर बाजार में फरवरी-मार्च में ग्वार और ग्वार गम की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं, जिसके बाद सरकार ने 22 मार्च को इसके वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। मार्च महीने में उत्पादक मंडियों में ग्वार गम का दाम बढ़कर एक लाख रुपये प्रति क्विंटल और ग्वार सीड का दाम 33,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। ग्वार गम की निर्यात मांग में भारी बढ़ोतरी से भी ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में तेजी को बल मिला था। हालांकि बाद में निर्यात संबंधी आंकड़ों पर भी सवाल उठने लगे। हरियाणा ग्वार गम एंड केमिकल के डायरेक्टर सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि जोधपुर में ग्वार गम का भाव इस समय 67,000 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि ग्वार का भाव 20,000 रुपये प्रति क्विंटल है। हरियाणा और राजस्थान में मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद ग्वार गम की कीमतें खासी गिरावट आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि ऊंचे भावों के कारण चालू सीजन में हरियाणा और राजस्थान में ग्वार की बुवाई में बढ़ोतरी होने की संभावना है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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