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31 जुलाई 2012

आलू के वायदा कारोबार पर रोक लगने के आसार

आर. एस. राणा नई दिल्ली 1,500 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव चल रहा है दिल्ली की आजादपुर मंडी में 3.80 करोड़ कट्टा आलू का यूपी में स्टॉक, सिर्फ 35 फीसदी निकाला गया मौजूदा तेजी अस्थाई - आलू की कीमतों में आई तेजी अंशकालिक है। अगस्त मध्य के बाद कर्नाटक में हसन की फसल की आवक बढ़ जाएगी जबकि अक्टूबर-नवंबर में पंजाब के होशियारपुर से नया आलू आ जाएगा। ऐसे में मौजूदा तेजी अगस्त-सितंबर तक जारी रह सकती है तथा अक्टूबर में भाव घट जाएंगे। खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई तेजी की गाज आलू के वायदा कारोबार पर गिर सकती है। फुटकर बाजार में आलू के दाम बढ़कर 20 से 25 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। इसलिए सरकार इसके वायदा कारोबार पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घरेलू बाजार में आलू की कीमतों में आई तेजी पर लगाम लगाने के लिए इसके वायदा कारोबार पर रोक लगाने का विचार किया जा रहा है। इस बारे में वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के चेयरमैन से भी विचार-विमर्श किया जा चुका है। जल्द ही इस पर फैसला लिए जाने की संभावना है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में महीने भर में आलू की कीमतों में 4.3 फीसदी की तेजी आई है। अगस्त महीने वायदा अनुबंध में 30 जून को आलू का भाव 1,286 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि सोमवार को 1,342 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। अक्टूबर वायदा में इसके भाव 1,520 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। जानकारों के अनुसार आलू की कीमतों में आई तेजी अंशकालिक है। आलू के थोक कारोबारी उमेश अग्रवाल ने बताया कि अगस्त मध्य के बाद कर्नाटक में हसन की फसल की आवक बढ़ जाएगी जबकि अक्टूबर-नवंबर में पंजाब के होशियारपुर से नया आलू आ जाएगा। ऐसे में मौजूदा तेजी अगस्त-सितंबर तक ही जारी रह सकती है तथा अक्टूबर में भाव घट जाएंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली की आजादपुर मंडी में आलू की दैनिक आवक करीब 100 ट्रकों की हो रही है जबकि भाव 1,300 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। फुटकर बाजार में इसके दाम 20 से 25 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। आगरा कोल्ड स्टोरेज ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन सिंघल ने बताया कि दक्षिण की फसल में देरी के कारण कीमतों में तेजी आई है। उत्तर प्रदेश में चालू सीजन में 3.80 करोड़ कट्टे (एक कट्टा-50 किलो) का स्टॉक हुआ था, इसमें से अभी तक 35 फीसदी ही आलू निकला है। नेशनल हॉर्टीकल्चर बोर्ड (एनएचबी) के मुताबिक वर्ष 2010-11 में देश में करीब 4.02 करोड़ टन आलू का उत्पादन हुआ था जबकि वर्ष 2011-12 में उत्पादन 10 से 12 फीसदी कम होने का अनुमान है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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