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10 जुलाई 2012

निर्यातकों की मांग से जीरा में तेजी संभव

निर्यातकों के अलावा मसाला निर्माताओं की मांग निकलने से जीरा की कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। सीरिया और टर्की में जीरे का उत्पादन कम होने का अनुमान है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरा सीरिया और टर्की से कम भाव पर बिक रहा है। जैब्स प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर भास्कर शाह ने बताया कि सीरिया और टर्की में जीरा के उत्पादन में कमी आने का अनुमान है इसीलिए भारत से निर्यात मांग लगातार बढ़ रही है। साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग भी पहले की तुलना में बढ़ी है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरे का दाम 2,725 डॉलर प्रति टन है जबकि सीरिया और टर्की के जीरा का दाम क्रमश: 3,000 और 3,100 डॉलर प्रति टन है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 में जीरा के निर्यात में 40 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 45,500 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका निर्यात 32,500 टन का ही हुआ था। हनुमान प्रसाद पीयूष कुमार फर्म के प्रबंधक वी. अग्रवाल ने बताया कि ऊंझा मंडी में जीरे की दैनिक आवक 12,000 से 14,000 बोरी (एक बोरी-55 किलो) की हो रही है जबकि दैनिक सौदे 18,000 से 20,000 बोरियों के हो रही है। उत्पादक मंडियों में जीरे का दाम बढ़कर सोमवार को 2,700 रुपये प्रति 20 किलो हो गया। चालू सीजन में जीरा का उत्पादन तो बढ़कर 32-33 लाख बोरी का हुआ है जो पिछले साल के 30 लाख बोरी से ज्यादा था। लेकिन नई फसल के समय बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में कम था। उत्पादक मंडियों में इस समय जीरा का कुल स्टॉक करीब 14 से 16 लाख बोरी का ही बचा हुआ है। इसीलिए आगामी दिनों में मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। निवेशकों की खरीद से एनसीडीईएक्स पर सप्ताहभर में जीरा की कीमतों में 11.7 फीसदी की तेजी आ चुकी है। 30 जून को एनसीडीईएक्स पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में जीरा का दाम 13,507 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि सोमवार को भाव 15,095 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। (Business Bhaskar R S rana)

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