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19 जुलाई 2012

सूखे की स्थिति नहीं, पर केंद्र व राज्यों की आपात योजना तैयार

बिजनेस भास्कर नई द किसान इंतजार के मूड में नहीं नई दिल्ली देशभर में अभी तक सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश से कृषि मंत्री भले ही चिंतित नहीं हों लेकिन किसान अब और इंतजार नहीं करना चाहते। उन्होंने ट्यूबवेल चलाकर धान की रोपाई शुरू कर दी है। सोनीपत जिले के किसान विजयपाल ने बताया कि उन्हें पांच एकड़ में पूसा-1121 धान की रोपाई करनी है। पौध तैयार हो चुकी है लेकिन आधा जुलाई बीतने के बाद भी बारिश नहीं होने से अब वे ट्यूबवेल की मदद ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि मानसून विभाग ने चालू महीने में अच्छी बारिश की संभावना व्यक्त की थी लेकिन 15 दिन बीत चुके हैं और अभी तक बारिश नहीं हुई है। वैसे भी धान की पौध को ज्यादा नहीं रख सकते क्योंकि इसका रंग पीला होने लगता है। रोहतक जिले के किसान राकेश कुमार ने भी बताया कि ट्यूबवेल से ही धान की रोपाई करनी पड़ रही है। बिजली कम आने के कारण डीजल से खेत में पानी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले आठ एकड़ में धान की रोपाई की योजना थी लेकिन कम बारिश को देखते हुए चार-पांच एकड़ में ही रोपाई की योजना है। (ब्यूरो) राज्यों को उपलब्ध कराए गए देर से बोए जाने वाले बीज चालू खरीफ सीजन में मानसून की बारिश अभी तक भले ही सामान्य से 22 फीसदी कम हुई हो लेकिन सरकार का मानना है कि देश में अभी सूखे की स्थिति नहीं बनी है। फिर भी लेट मानसून को देखते हुए केंद्र के साथ कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकारों ने किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने की योजना तैयार कर ली है। कृषि मंत्री शरद पवार ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा, फिलहाल हमारे सामने सूखे की स्थिति नहीं है। मानसून लुका-छिपी का खेल खेल रहा है। ऐसे में किसानों के लिए पिछले दो साल के प्रदर्शन को बरकरार रखना चुनौती बन गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में 5 जून को प्रवेश किया था लेकिन देश के शेष हिस्से में इसका प्रसार धीमी गति से हुआ है। मानसूनी वर्षा कम होने से धान के साथ ही मोटे अनाज, दलहन और तिलहनों की बुवाई प्रभावित हुई है। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और कर्नाटक-महाराष्ट्र की सरकारों ने योजना तैयार कर ली है। देर से बोए जाने वाले बीज पर्याप्त मात्रा में राज्यों को उपलब्ध करा दिए गए हैं। पवार ने कहा, ऐसा पहले भी हुआ है जब जुलाई के दूसरे पखवाड़े में अच्छी बारिश हुई है। पिछले सप्ताह कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार कर्नाटक और मध्य महाराष्ट्र में कमजोर बारिश को लेकर चिंतित है। इससे मोटे अनाजों के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पहली जून से 15 जुलाई तक देशभर में सामान्य से 22 फीसदी कम वर्षा हुई है। इस दौरान उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से 33 फीसदी, मध्य भारत में 26 फीसदी, दक्षिण के तटीय क्षेत्रों में 26 फीसदी और पूर्वी-उत्तर पूर्वी राज्यों में सामान्य से 10 फीसदी कम बारिश हुई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 84वें स्थापना दिवस पर कृषि मंत्री ने कहा कि इस साल हमारे सामने कृषि क्षेत्र की चार फीसदी वृद्धि दर को बरकरार रखने की चुनौती है। कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी मौजूद थे। भारत में जुलाई से जून 2011-12 फसल वर्ष में रिकार्ड 25.25 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था। इस दौरान गेहूं और चावल का रिकार्ड उत्पादन हुआ था। शरद पवार ने कहा कि पिछले वर्ष रिकार्ड उत्पादन के कारण देश से पहली बार रिकार्ड 50 लाख टन से ज्यादा गैर-बासमती चावल, 15 लाख टन गेहूं और 25 लाख चीनी का निर्यात किया गया है। खाद्यान्न नीति में अभी बदलाव की आवश्यकता नहीं है और निर्यात जारी रहेगा। (Businss Bhaskar)

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