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16 अगस्त 2012

नेचुरल रबर के मूल्य में गिरावट का दौर जारी

लीन सीजन के बावजूद नेचुरल रबर की कीमतों में गिरावट लगातार बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल रबर के दाम घटने के साथ ही टायर उद्योग की मांग भी कमजोर है। लीन सीजन के बावजूद जुलाई महीने में नेचुरल रबर का उत्पादन करीब 2.6 फीसदी बढ़ा है। सितंबर से आवक का पीक सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। हरि संस मलयालम लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू मानसून सीजन में रबर के उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम हुई है जिससे नेचुरल रबर की टेपिंग बराबर बनी हुई है। जून के साथ जुलाई में भी नेचुरल रबर का उत्पादन बढ़ा है। वैसे भी ऑटो मोबाइल टायर उद्योग की मांग कमजोर है जिसकी वजह से घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के भाव में गिरावट आई है। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार जुलाई महीने में नेचुरल रबर के उत्पादन में करीब 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल उत्पादन 66,000 टन का हुआ है। जून महीने में भी उत्पादन में पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि जुलाई में नेचुरल रबर की खपत में जरूर बढ़ोतरी हुई है। जुलाई में 83,000 टन नेचुरल रबर की खपत हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 81,210 टन की खपत हुई थी। रबर मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेचुरल रबर की मांग कमजोर होने से प्रमुख उत्पादक देशों थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम में नेचुरल रबर की कीमतें घट रही हैं। भारत में चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों (अप्रैल से जून) के दौरान इसके आयात में भी 42 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 59,582 टन का हुआ था। हालांकि मांग कम होने से जुलाई में आयात जरूर 14 फीसदी कम हुआ है। लेकिन घरेलू बाजार में स्टॉक ज्यादा होने से कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। विनको ऑटो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एम. एल. गुप्ता ने बताया कि नॉन टायर उद्योग की मांग भी कमजोर है। कोट्टायम में सात अप्रैल को नेचुरल रबर का भाव 19,800 से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि सोमवार को घटकर 16,800-17,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। वायदा बाजार में महीने भर में इसकी कीमतों में 10.9 फीसदी की गिरावट आई है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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