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31 अगस्त 2012

तेल व दालों पर स्टॉक लिमिट एक साल और

आर.एस. राणा नई दिल्ल अगली 30 सितंबर को खत्म हो रही है मौजूदा स्टॉक लिमिट महीनेभर में दलहन और खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है। बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने दलहन, खाद्य तेल और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की है। वर्तमान में दलहन, खाद्य तेलों और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट की अवधि 30 सितंबर 2012 को समाप्त हो रही है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खरीफ में दलहन और तिलहनों के बुवाई क्षेत्रफल में कमी आई है जिसका असर कीमतों पर पड़ रहा है। इसीलिए उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने दलहन, खाद्य तेल और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की है। दलहन, खाद्य तेल और तिलहनों पर स्टॉक लिमिट की अवधि 30 सितंबर 2012 को समाप्त हो रही है, इसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2013 तक करने की योजना है। उन्होंने बताया कि स्टॉक लिमिट लगने से स्टॉकिस्ट तय मात्रा से ज्यादा स्टॉक नहीं कर पाएंगे। इससे घरेलू बाजार में आपूर्ति बराबर बनी रहेगी। इससे कीमतों पर काबू पाने में मदद मिलेगी। दिल्ली फुटकर बाजार में चना दाल का भाव बढ़कर 71 से 76 रुपये, अरहर दाल का भाव 81 से 90 रुपये, उड़द दाल का 75 से 80 रुपये और मसूर दाल का 66 से 70 रुपये प्रति किलो हो गया है। महीने भर से इनकी कीमतों में 5 से 15 रुपये प्रति किलो की तेजी आ चुकी है। इस दौरान दिल्ली बाजार में खाद्य तेलों में सरसों तेल का भाव बढ़कर 105 रुपये, मूंगफली तेल का 166 रुपये, रिफाइंड सोया तेल का 95 रुपये और सनफ्लावर तेल का 107 रुपये प्रति किलो हो गया है। खाद्य तेलों की कीमतों में भी महीने भर में करीब 10 से 15 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार मानसूनी वर्षा कम होने से चालू खरीफ में दलहन की बुवाई में 11.5 फीसदी की और तिलहनों की बुवाई में 3.3 फीसदी की कमी आई है। चालू खरीफ में दलहन की बुवाई अभी तक 88.30 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 99.78 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में 164.29 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 169.94 लाख हैक्टेयर में हुई थी। (Business Bhaskar....R S Rana)

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