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16 अगस्त 2012

घटा अरहर और मूंग का समर्थन मूल्य

कृषि मंत्रालय ने अंतत: अरहर और मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य (साल 2012-13 के लिए) संशोधित कर इसे क्रमश: 3840 रुपये प्रति क्विंटल और 4400 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। एक ओर जहां अरहर और मूंग का समर्थन मूल्य कृषि लागत व मूल्य आयोग की तरफ से की गई सिफारिशों के मुकाबले कम है, वहीं उड़द का एमएसपी 4300 रुपये प्रति क्विंटल पर ही बरकरार रखा गया है। कृषि लागत और मूल्य आयोग के साथ-साथ कृषि मंत्रालय ने पहले साल 2012-13 के लिए अरहर का एमएसपी 4000 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का एमएसपी 4500 रुपये प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की थी। अधिकारियों ने कहा कि अरहर और मूंग का संशोधित एमएसपी अब अंतिम है। किसान और उद्योग दालों के एमएसपी की प्रतीक्षा कर रहे थे क्योंकि आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने अरहर, मूंग और उड़द को छोड़कर साल 2012-13 के लिए बाकी खरीफ फसलों की एमएसपी घोषित कर दी थी। अधिकारियों ने कहा कि बाजार में दालों की घटती कीमतों और उत्पादन बढऩे की संभावनाओं (पिछले साल के बराबर यानी 181 लाख टन) को देखते हुए सीएसीपी को दालों की एमएसपी पर फिर से काम करने को कहा गया था। इसके अतिरिक्त मांग बढऩे की उम्मीद में दालों का काफी ज्यादा आयात हो रहा है। पहले दालों की रही ऊंची कीमतों से खुदरा खपत पर असर पड़ा था, लिहाजा बाजार में काफी ज्यादा स्टॉक जमा हो गया था। मांग पूरी करने के लिए आपूर्ति पर्याप्त है, जिसकी वजह से कीमतों पर दबाव में कमी आ गई। सूत्रों ने कहा कि इस परिदृश्य में ज्यादा एमएसपी के सुझाव से महंगाई का आधार बनेगा। साथ ही सरकारी खजाने पर बोझ भी बढ़ेगा, जो पहले से ही खराब हालत में है। अधिकारियों ने कहा कि दालें आवश्यक वस्तुएं हैं और सरकारी जन वितरण प्रणाली में भी यह शामिल है। उन्होंने कहा कि ये चीजें अगले साल के एमएसपी पर फैसला लेने का आधार बन जाएंगी। खाद्य मंत्रालय ने सख्ती के साथ कम से कम उन जिंसों में बोनस देने के प्रस्ताव का विरोध किया था, जहां सरकारी खरीद होती है मसलन चावल और दालें। एमएसपी फ्लोर प्राइस है, जो बाजार कीमतों व खरीद कीमतों का आधार बनता है। (BS Hindi)

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