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10 सितंबर 2012

दुग्ध क्रांति' के जनक का निधन

दूध की किल्लत से जूझने वाले भारत को दुनिया का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बनाने वाले 'श्वेत क्रांति' के जनक 90 वर्षीय डॉ. वर्गीज कुुरियन नहीं रहे। नडियाद के मुलजीभाई पटेल यूरोलॉजिकल अस्पताल में बीमारी के बाद आज तड़़के उनका निधन हो गया। सही मायने में कुरियन के गुजर जाने से एक युग का अंत हो गया। उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से यह साबित कर दिया कि मन में अगर लगन हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता है। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारियों ने बताया, 'डॉ. कुरियन का पार्थिव शरीर आज तड़के चार बजे के करीब उनके आवास पर लया गया, जहां से उसे आणंद में अमूल डेयरी के हॉल में आम लोगों की श्रद्धांजलि के लिए रखा गया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत जाने माने राजनीतिज्ञों और गणमान्य लोगों ने पद्म विभूषण कुरियन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। आणंद के किसान और अमूल डेयरी से जुड़े लोगों ने अश्रुपूर्ण नेत्रों से उन्हें अंतिम विदाई दी। (BS Hindi)

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