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03 सितंबर 2012

ऑयल मील के दाम दोगुने होने के बाद भी और तेजी

हालांकि निर्यात मांग कमजोर पडऩे से पिछले माह रही मामूली नरमी बारिश के सीजन के बाद पशुचारे में मांग बढऩे के कारण घरेलू बाजार में सोया, सरसों व बिनौला खली की कीमतों में और तेजी आने की संभावना है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले एक साल के दौरान घरेलू बाजार में खली की की कीमतों में भारी तेजी दर्ज की गई है। वर्तमान में घरेलू बाजार में सोया खली का भाव 41,400 रुपये प्रति टन के स्तर पर है जो पिछले साल अगस्त के दौरान 17,291 रुपये प्रति टन के स्तर पर था। सरसों खली का भाव भी पिछले साल की समान अवधि में 7,240 रुपये प्रति टन के स्तर पर था जो वर्तमान में 18,200 रुपये प्रति टन के स्तर पर है। हालांकि, पिछले एक माह में सोया खली की कीमतों में 1.43 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान सोया खली के दाम 42,000 रुपये प्रति टन के स्तर से गिरकर 41,400 रुपये प्रति टन के स्तर पर आ गए हैं। सरसों खली के भाव में भी 1.62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। एक माह पहले इसका भाव 18,500 रुपये प्रति टन के स्तर पर था जो अब 18,200 रुपये प्रति टन के स्तर पर चल रहा है। दिल्ली में खली के थोक कारोबारी हरीश कुमार का कहना है कि खली की निर्यात मांग में कमी के कारण दाम में गिरावट का रुख दर्ज किया गया है। साथ ही घरेलू बाजार में मांग में भी कमजोर बनी हुई थी। उन्होंने बताया कि अब घरेलू बाजार में पशुचारे में खली की मांग तेजी से बढऩे की संभावना है, जिससे कीमतों में भी तेजी आएगी। सोया मील की निर्यातक कंपनी विजय एंटरप्राइजेज के मैनेजर तेजस ठक्कर का कहना है कि विदेशों से मांग घटने से घरेलू बाजार में खली के दाम घटे हैं। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले चार महीने (अप्रैल-जुलाई) में खली निर्यात में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान कुल 13.34 लाख टन खली का निर्यात किया गया। एसईए के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह में 8.05 लाख टन सोया खली का निर्यात किया गया। इस दौरान सरसों खली का निर्यात 2.54 लाख टन दर्ज किया गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में खली का कुल निर्यात 14.02 लाख टन दर्ज किया गया था।(Business Bhaskar)

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