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21 सितंबर 2012

भारतीय बासमती की क्वालिटी पर सवाल उठाया अमेरिका ने

200 सैंपलों की जांच करके प्राथमिक रिपोर्ट का निष्कर्ष 1,200 सैंपलों का विश्लेषण करके जांच पूरी करेगा एफडीए 1.24 लाख टन बासमती का निर्यात किया गया था पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका को निर्यातक क्वालिटी से आश्वस्त - भारतीय बासमती आर्सेनिक तत्व से पूरी तरह मुक्त है। चावल की जांच के बाद ही निर्यात किया जाता है। बासमती चावल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश भारत हर साल दुनिया के तमाम देशों को करीब 20 लाख टन निर्यात करता है। लेकिन जांच पूरी करके वैज्ञानिक आधार पर ही परामर्श में कोई बदलाव होगा : अथॉरिटी यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) को भारत के बासमती चावल में आर्सेनिक तत्व (नुकसानदायक रसायनिक तत्व) मिलें हैं। इस अमेरिकी नियामक संस्था को भारतीय बासमती चावल के शुरूआती परीक्षण में ये तत्व मिले हैं। हालांकि भारत ने आर्सेनिक तत्व होने से इंकार किया है। उसका कहना है कि बासमती चावल इस तत्व से पूरी तरह मुक्त है क्योंकि इसका निर्यात आवश्यक जांच के बाद ही किया जाता है। भारत से पिछले साल करीब 1.24 लाख टन बासमती चावल का अमेरिका को निर्यात किया गया था। यह संस्था बासमती चावल के बारे में अपनी जांच पूरी करने के बाद ही उपभोक्ताओं को परामर्श जारी करेगी। आर्सेनिक एक ऐसे रसायनिक तत्व है जो पर्यावरण में होता है। यह प्राकृतिक और मानवीय स्रोतों से पैदा होता है। यह तत्व पानी, हवा, भोजन और मिट्टी में मिलने के अलावा अजैविक रूप में भी होता है। यूएसएफडीए ने भारत समेत विभिन्न देशों से आयातित और अमेरिकी बाजार में उपलब्ध चावल और इसके उत्पादों के 200 सैंपल एकत्रित किए थे। अमेरिकी संस्था ने एक वक्तव्य में कहा है कि वह पूरे मसले पर गहराई से जांच करने के लिए करीब 1200 सैंपल जुटाए जा रहे हैं और इनका विश्लेषण किया जा रहा है। आंकड़े एकत्रित करने का काम इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। सभी आंकड़े एकत्रित होने के बाद एफडीए उनके नतीजों का विश्लेषण करेगा। इसके बाद वह तय करेगा कि इस मसले पर और सिफारिशें जारी की जाएं या नहीं। अभी तक के 200 सैंपलों में 34 सैंपल भारतीय मूल के बासमती चावल के थे। इनमें से 31 सैंपलों में आर्सेनिक तत्व मिला। प्रति सर्विंग करीब 1.8 से 6.5 माइक्रोग्राम आर्सेनिक तत्व मिला। एफडीए की शुरूआती जांच के नतीजों पर ऑल इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा कि भारतीय बासमती आर्सेनिक तत्व से पूरी तरह मुक्त है। हम पानी और चावल की जांच के बाद ही निर्यात करते हैं। बासमती चावल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश भारत हर साल करीब 20 लाख टन निर्यात करता है। एफडीए अपने बयान में कहा कि विभिन्न चावल और चावल उत्पादों के शुरूआती 200 सैंपलों में औसतन 3.5 से 6.7 माइक्रोग्राम अजैविक आर्सेनिक तत्व मिला। हालांकि उसने कहा है कि इस समय उपलब्ध आंकड़ों और वैज्ञानिक तत्वों के आधार पर एफडीए पर्याप्त वैज्ञानिक आधार नहीं है, जिसके आधार पर वह उपभोक्ताओं के लिए अपनी सिफारिशों में कोई बदलाव करे। हालांकि एफडीए पहली बार उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे विभिन्न अनाजों का संतुलित भोजन करें। अमेरिकी नियामक के डिप्टी कमिश्नर माइकल टेलर ने कहा कि आंकड़े जुटाने की मौजूदा कवायद और उनके विश्लेषण से हमारे पास मजबूत वैज्ञानिक आधार होगा, जिसके आधार पर हम आवश्यकता होने पर कदम उठाने के लिए पहल कर सकेंगे जिससे आर्सेनिक तत्वों का प्रभाव आम उपभोक्ताओं पर न हो। (Business bhaskar)

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