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17 सितंबर 2012

पुराने सोने से ज्वैलरों की चांदी

सोना रिकॉर्ड कीमत छू रहा है, लेकिन जवेरी बाजार में लोगों का जमघट लगा है। दरअसल ये जेवरात खरीदने नहीं बल्कि पुराना सोना बेचकर चांदी काटने के लिए पहुंचे हैं। मजे की बात है कि असली चांदी ज्वैलरों की हो रही है। खालिस सोने का सवाल खड़ा कर ज्वैलर्स ग्राहकों को फंसा रहे हैं और यही वजह है कि हरेक ज्वैलर की दुकान पर सोने का भाव अलग-अलग है। सोने का भाव 32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर जाने के बाद लोगों को पुराना सोना बेचने का सही समय दिख रहा है। उनहें लगता है कि बाद में सोने में 2 से 3 हजार रुपये की गिरावट आ सकती है। लेकिन पुराना सोना खरीदते वक्त ज्वैलर बुटिक छोड़कर कीमत तय करते हैं और फिर कैरेट के हिसाब से सोना खरीद लिया जाता है। इस कीमत में 4 से 10 फीसदी तक कटौती कर रकम ग्राहकों को सौंप दी जाती है। ज्वैलरों की दलील है कि जेवरात की शक्ल में आए पुराने सोने को गलाने पर 2 फीसदी अशुद्घि निकल जाती है और तांबे तथा चांदी के टांके भी निकलते हैं। इस नुकसान की भरपाई के लिए ही ग्राहक को कम कीमत दी जाती है। हालांकि मामला यहीं खत्म नहीं होता। पुराने सोने की कीमत में कटौती तो की ही जाती है, ज्वैलर सोने की कीमत भी अलग-अलग रखते हैं। 6 सितंबर को सोना रिकॉर्ड स्तर पर था, लेकिन ज्वैलर इसकी अलग-अलग कीमत बता रहे थे। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के कुमार जैन कहते हैं कि जो ग्राहक के साथ धोखा करेगा, वह बाजार में बहुत अरसे तक नहीं टिक सकेगा। भाव की जानकारी देने के लिए बाजार में जगह-जगह स्क्रीन लगाई गई हैं, जिनसे ग्राहक को कीमत का पता कर लेना चाहिए। बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी कहते हैं कि ग्राहकों को सोना बेचते या खरीदते वक्त भरोसे के ज्वैलर या हॉलमार्क देने वाले ग्राहक के पास जाना चाहिए ताकि उन्हें सही कीमत हासिल हो सके। करीब एक महीने में बाजार में पुराना सोना बेचने वालों की गहमागहमी बढ़ गई है और हरेक ग्राहक औसतन 20 ग्राम सोना बेचता है। हालांकि पुराना सोना पिछले साल की तरह नहीं निकल रहा है क्योंकि ग्राहक मान रहे हैं कि कुछ वक्त की गिरावट के बाद सोना फिर उछलेगा। (BS Hindi)

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