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04 सितंबर 2012

गेहूं उगाने वाले राज्यों में बिक्री ऊंचे भाव पर

आर.एस. राणा नई दिल्ल केंद्र सरकार गेहूं उत्पादन करने वाले राज्यों में महंगा गेहूं बेचेगी जबकि गैर उत्पादक राज्यों में सस्ता। सरकार ने प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की फ्लोर मिलों को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत ऊंची कीमतों पर गेहूं बेचने का फैसला किया है। इसके साथ ही सितंबर-अक्टूबर के लिए फ्लोर मिलों को ओएमएसएस के तहत 10 लाख गेहूं के आवंटन में भी कई राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है। इसके खिलाफ उत्तर भारत के फ्लोर मिल संचालकों ने सोमवार को खाद्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के. वी. थॉमस से मुलाकात भी की लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सितंबर-अक्टूबर के लिए ओएमएसएस के तहत प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की फ्लोर मिलों को गेहूं की बिक्री विपणन सीजन 2012-13 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,285 रुपये प्रति क्विंटल के साथ खरीद के खर्च (मंडी टैक्स, वैट, आढ़त और अन्य खर्च) जोड़कर तय मूल्य पर की जाएगी। जबकि गैर-उत्पादक राज्यों में इसकी बिक्री एमएसपी में परिवहन लागत (लुधियाना से राज्य की राजधानी के आधार) जोड़कर तय मूल्य पर की जाएगी। सूत्रों के अनुसार पंजाब की फ्लोर मिलों को निविदा भरने का न्यूनतम भाव लगभग 1,626 रुपये और हरियाणा की फ्लोर मिलों के लिए 1,570 रुपये प्रति क्विंटल होगा जबकि कर्नाटक की फ्लोर मिलों के लिए निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,527.93 रुपये और केरल की फ्लोर मिलों के लिए न्यूनतम भाव 1,553.14 रुपये प्रति क्विंटल होगा। इसी तरह से मध्य प्रदेश की फ्लोर मिलों के लिए निविदा भरने का न्यूनतम भाव करीब 1,570 रुपये प्रति क्विंटल होगा लेकिन पड़ोसी राज्य राजस्थान की फ्लोर मिलों के लिए न्यूनतम दाम 1,351.34 रुपये प्रति क्विंटल होगा। खाद्य मंत्रालय द्वारा 30 सितंबर को जारी किए गए आदेश के आधार पर प्रमुख उत्पादक और केंद्रीय पूल में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले राज्यों की फ्लोर मिलों को ऊंचे दाम पर गेहूं खरीदना पड़ेगा जबकि गैर उत्पादक राज्यों की फ्लोर मिलों को सस्ता गेहूं मिलेगा। इससे पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की फ्लोर मिलें गैर-उत्पादक राज्यों की फ्लोर मिलों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगी, जिसका असर इन राज्यों में गेहूं उत्पादों आटा, मैदा और सूजी की कीमतों पर भी पड़ेगा। खाद्य मंत्रालय ने सितंबर-अक्टूबर के लिए ओएमएसएस के तहत गेहूं का सबसे ज्यादा आवंटन उत्तर प्रदेश की फ्लोर मिलों को 2.10 लाख टन, पश्चिम बंगाल की फ्लोर मिलों के लिए 1.33 लाख टन और राजस्थान की फ्लोर मिलों के लिए 1.12 लाख टन का आवंटन किया गया है। जबकि हरियाणा की फ्लोर मिलों के लिए 25,946 टन, पंजाब की फ्लोर मिलों के लिए 54,358 टन और मध्य प्रदेश की फ्लोर मिलों के लिए 65,523 टन गेहूं का आवंटन किया गया है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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