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12 अक्तूबर 2012

चीनी उद्योग होगा नियंत्रण मुक्त

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष सी रंगराजन की अगुवाई वाली एक विशेषज्ञ समिति ने चीनी बाजार को नियंत्रण मुक्त करने की सिफारिश करते हुए मिलों को चीनी खुले बाजार में बेचने की पूरी आजादी देने का सुझाव दिया है। यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र जो अब भी सरकार के नियंत्रण में है। समिति ने लेवी चीनी प्रणाली को भी खत्म करने का सुझाव दिया है। इस व्यवस्था के तहत चीनी मिलों को अपने उत्पादन का 10 फीसदी सस्ती दर पर सरकार को बेचना पड़ता है जो राशन की दुकानों के जरिये वितरित किया जाता है। चीनी के उत्पादन से लेकर वितरण तक चीनी उद्योग सरकार के नियंत्रण में है। मौजूदा नियंत्रण व्यवस्था के तहत चीनी मिलें चीनी की वही मात्रा खुले बाजार में बेच सकती हैं जो खाद्य मंत्रालय तय करेगा। समिति ने कहा, 'चीनी कीमत निर्धारण को तार्किक और चीनी के व्यापार को उदार बनाने की जरूरत है। ऐसा दो से तीन साल में चरणबद्ध ढंग से करने की जरूरत है। हालांकि लेवी चीनी की अनिवार्यता और गैर-लेवी चीनी पर प्रशासनिक नियंत्रण को तत्काल खत्म करने की जरूरत है।' इस रिपोर्ट को आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपा गया। जनवरी में सिंह ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी ताकि चीनी उद्योग को नियंत्रणमुक्त करने के संदर्भ में विभिन्न पहलुओं की जांच की जा सके। (BS Hindi)

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