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31 अक्तूबर 2012

देश में इस साल कॉफी उत्पादन में गिरावट की संभावना

कॉफी का उत्पादन दो हफ्ते बाद शुरू होने वाला है, लेकिन बागान मालिकों को उम्मीद नहीं है कि इस साल कॉफी बोर्ड रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान हासिल कर पाएगा। बागान मालिकों को लगता है कि इस साल कॉफी का उत्पादन पिछले साल के करीब 3 लाख टन पर रह सकता है। कॉफी बोर्ड ने मौजूदा साल में रिकॉर्ड 3,25,300 टन कॉफी उत्पादन का अनुमान जाहिर किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 3.5 फीसदी की बढ़त दर्शाता है। साल 2011-12 में देश में 3.14 लाख टन कॉफी का उत्पादन हुआ था। कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मर्विन रॉड्रिग्स ने कहा कि कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक इलाके में इस साल की शुरुआत में फूल लगने के पहले की अवधि में हमने बारिश में करीब 40 फीसदी की कमी रही थी, जिसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। अरेबिका बागानों में वाइट स्टेम बोरर नामक कीटों के हमले की भी खबरें हैं। अरेबिका के लिए यह ऑफ-ईयर है। उन्होंने कहा कि अरेबिका के उत्पादन वाले दक्षिणी कुर्ग इलाके में इस साल अच्छी बारिश नहीं हुई है। इलाके में सूखे का लंबा दौर चला है। हालांकि सितंबर में बारिश से स्थिति थोड़ी सुधरी है, जिससे बीन्स का विकास बेहतर हुआ है। मौजूदा कॉफी वर्ष में अरेबिका का उत्पादन कर्नाटक के कुछ इलाकों में नवंबर के दूसरे हफ्ते में शुरू होने की संभावना है। रोबस्टा की तुड़ाई दिसंबर के आखिर में शुरू होगी। फूल लगने की अवधि से पहले कॉफी बोर्ड के अनुमान में कहा गया था कि अरेबिका का उत्पादन 1.04 लाख टन रहेगा जबकि रोबस्टा का उत्पादन 2,21,300 टन। हालांकि कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन का अनुमान है कि अरेबिका का उत्पादन 85 से 90,000 टन के बीच होगा जबकि रोबस्टा का 2.10 लाख टन। रॉड्रिग्स ने कहा कि इस साल अरेबिका के उत्पादन में 10,000 टन की कमी आएगी जबकि रोबस्टा का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले इतने ही अंतर से बढ़ेगा। इस बीच, कॉफी के उत्पादन में ज्यादा अंतर नहीं होने से निर्यात पर शायद ही बहुत ज्यादा असर देखने को मिलेगा क्योंकि यहां से देसी फसल के अलावा आयातित बीन्स को संवर्धित कर निर्यात किया जाता है। मौजूदा कैलेंडर वर्ष के पहले 10 महीने में देश से 2,80,623 टन कॉफी का निर्यात हुआ है जबकि एक साल पहले की इतनी ही अवधि में 3,03,966 टन कॉफी का निर्यात हुआ था, जो 7.67 फीसदी की गिरावट दर्शाता है। कीमत के लिहाज से निर्यातकों की आय 4231 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल के 4239 करोड़ रुपये से थोड़ी कम है। प्रति इकाई कीमत 1,50,764 रुपये प्रति टन रही, जो पिछले साल के 1,39,456 रुपये के मुकाबले थोड़ी ज्यादा है। (BS Hindi)

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