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06 अक्तूबर 2012

विधेयक पास हुआ तो कई विकल्प

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जिंस वायदा बाजार नियामक 'वायदा बाजार आयोग' (एफएमसी) को और अधिक अधिकार प्रदान करने के लिए फॉर्वर्ड कॉन्ट्रैक्ट्ïस (रेग्युलेशन) ऐक्ट में संशोधन से जुड़े विधेयक को गुरुवार को मंजूरी दे दी। हालांकि इस विधेयक को संसद में पास किया जाना अभी बाकी है और यह आसान कार्य नहीं होगा। जब यह विधेयक पारित हो जाएगा तो यह इंडेक्स आधारित ट्रेडिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग जैसे निवेश विकल्पों के लिए रास्ता प्रशस्त करेगा। इससे पहले कैबिनेट ने कई बार विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी। पहला उदाहरण पांच साल पहले का है, लेकिन हालात अस्थिर हो गए थे और दो संसदीय स्थायी समितियों और योजना आयोग के सदस्य प्रो. अभिजीत सेन की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति ने इस विधेयक की मंजूरी के लिए अपनी रिपोर्ट दी थीं और संशोधन के लिए एक अध्यादेश भी जारी कर दिय गया था, लेकिन संसद में इस विधेयक को पारित कराने में कामयाबी नहीं मिल पाई थी। हालांकि बाजार इसे लेकर आश्वस्त है कि इस बार इस विधेयक को संसद में मंजूरी मिल जाएगी। एफएमसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक ने भी कहा है, 'बाजार को लेकर लोगों की धारणा में इस बार काफी सुधार आया है।' माना जा रहा है कि इस बार सरकार इस विधेयक को संसद में पास कराने के लिए भरपूर कोशिश करेगी। इसे ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि जिंस वायदा बाजार विकास की एक नई राह पर चलने के लिए तैयार है। एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी श्रीकांत जवलगेकर ने कहा, 'यह विधेयक पारित हो जाता है तो यह नई हेजिंग एवं कीमत जोखिम प्रबंधन व्यवस्था को शुरू करने का रास्ता प्रशस्त करेगा जिससे उन जिंसों के लिए भारतीय बेंचमार्क कीमतें तैयार करने में मदद मिलेगी जिनका भारत में व्यापक तौर पर उत्पादन होता है या खपत होती है। ऑप्शन एवं इंडेक्स जैसे नए हेजिंग टूल पेश किए जा सकेंगे जिनकी भारतीय जिंस बाजार के कारोबारियों को जरूरत है। (BS Hindi)

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