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27 नवंबर 2012

अगले चार महीनों के लिए 70 लाख टन चीनी का कोटा

सरकार ने खुले बाजार में बेचने के लिए चार महीनों (दिसंबर 2012 से मार्च 2013) के लिए 70 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है। चीनी मिलों को निर्धारित कोटे की चीनी पूरे चार माह की अवधि में करने की छूट होगी। इस तरह उन पर हर महीने निश्चित कोटे की चीनी बेचने की बंदिश से मुक्ति मिल गई है। खाद्य मंत्रालय ने दिसंबर 2012 से मार्च 2013 के लिए खुले बाजार में चीनी बेचने के लिए 70 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है। इसमें 66 लाख टन चीनी सामान्य कोटे की होगी। इसके अलावा दो लाख टन चीनी लेवी कोटे की बची हुई है। जबकि अन्य दो लाख टन चीनी अक्टूबर-नवंबर में जारी किए गए कोटे की बची हुई मात्रा है। खुले बाजार में चीनी की बिक्री के लिए खाद्य मंत्रालय कोटे में जारी आवंटित की गई चीनी की मात्रा महीने के आधार पर तय करता था। लेकिन इस बार दिसंबर 2012 से मार्च 2013 के लिए जारी किए गए कोटे की चीनी बेचने के लिए मिलों को स्वतंत्रता दी गई है। लेकिन उन्हें यह कोटा इन चार महीनों की अवधि में बेचनी होगी। लेकिन वे चाहें तो किसी भी महीने कितनी भी मात्रा में चीनी बेच सकेंगी। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सालाना 210 लाख टन चीनी की खपत होती है, इस आधार पर चार महीने का कोटा 70 लाख टन ही होता है। खाद्य मंत्रालय ने अक्टूबर-नवंबर के लिए 40 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया था। मालूम हो कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अध्यक्ष सी. रंगराजन की अगुवाई में गठित विशेषज्ञ समिति ने प्रधानमंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने की सिफारिशें की थीं। समिति ने सबसे पहले मिलों को चीनी खुले बाजार में बेचने की आजादी देने की सिफारिश की थी। समिति ने लेवी चीनी प्रणाली को भी खत्म करने का सुझाव दिया है। चालू पेराई सीजन 2012-13 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान पहली अक्टूबर से 15 नवंबर तक 9.84 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2 लाख टन ज्यादा है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चालू पेराई सीजन में 240 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया है जबकि पिछले पेराई सीजन में 260 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। (Business Bahskar)

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