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20 नवंबर 2012

गतिरोध का असर अब चीनी की कीमतों पर

गन्ना किसानों और चीनी मिलों के बीच कीमत पर चल रहे गतिरोध का असर अब चीनी की कीमतों पर भी पडऩे लगा है। गन्ना पेराई में देरी के कारण महीने भर में वायदा बाजार में चीनी के दाम करीब 7 फीसदी और हाजिर में 2 फीसदी बढ़ गए हैं। उत्पादन कम रहने और पेराई में देरी की आशंका के बीच चीनी और महंगी होने की संभावना जताई जा रही है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में गन्ना पेराई अटकने के कारण बाजार में सटोरिये हावी हो रहे हैं और उन्हीं की वजह से हाजिर बाजार में चीनी का भाव बढ़कर 3,518 रुपये प्रति क्विंटल (कोल्हापुर एम ग्रेड) और कानपुर में 3,670 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सटोरिये वायदा सौदों का आकार बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण महीने भर में चीनी 7 फीसदी चढ़कर 3,500 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गई है। नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में चीनी का नवंबर अनुबंध 3,511 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। बाजार के जानकार बता रहे हैं कि गन्ने की कीमत पर छिड़ी जंग ने ही वायदा बाजार में चीनी महंगी कर दी है। महाराष्ट्र में किसानों और मिलों के बीच गतिरोध के कारण चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू नहीं हुई है। हालांकि राज्य के वित्त मंत्री और चीनी मिलों के प्रमुखों के बीच बातचीत के बाद ज्यादातर मिल मालिक 2,500 रुपये प्रति टन अग्रिम भुगतान के लिए राजी हैं। लेकिन किसान 3,000 रुपये प्रति टन कीमत मांग रहे हैं। पिछले सत्र में उन्हें 2,300 रुपये प्रति टन अग्रिम भुगतान किया गया था। ऐंजल कमोडिटी की वेदिका नार्वेकर के मुताबिक चीनी की कीमतें आपूर्ति से तय होती हैं। फिलहाल प्रमुख उत्पादक राज्यों में पेराई नहीं के बराबर है, जिससे आपूर्ति कमजोर हो सकती है और सटोरिये फायदा उठा सकते हैं। चीनी की कीमतें बढऩे लगी हैं और उत्पादन कम रहा तो इसमें और तेजी आएगी। कृषि मंत्रालय की अग्रिम रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 3,353 लाख टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है। (BS HIndi)

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